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सिपाही भर्ती परीक्षा में हुये अनियमतताओं को केवल स्वीकार लेना ही समस्या का समाधान नहीं : विजय कुमार सिन्हा

सिपाही भर्ती परीक्षा में हुये अनियमतताओं को केवल स्वीकार लेना ही समस्या का समाधान नहीं : विजय कुमार सिन्हा

PATNA : बिहार विधानसभा में विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सिपाही चयन पर्षद द्वारा, 1 अक्टूबर को हुये  हुये सिपाही भर्ती की परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सार्थकता को माननी पड़ी और यह  स्पष्ट हो गया कि शासन और प्रशासन की गोपनीय भागीदारी से ही पेपर लीक होती है। इस परीक्षा के दोनों पालियों को रद्द कर दिया गया। साथ ही अगले 7 और 15 अक्टूबर को होने वाली परीक्षाओं को अगले सूचना तक स्थगित कर दिया गया है। लेकिन, परीक्षा के दौरान होने वाली धांधली या अनियमतताओं को केवल स्वीकार लेना ही ऐसी समस्याओं का समाधान नहीं है। इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों के नाम को सार्वजनिक किया जाना चाहिये। विभागों की नियत और नियति पर लगने वाले दागों की सच्चाई खुलेआम लोगों को पता होनी चाहिये। साथ ही ऐसी पात्रता परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों का जड़ से उन्मूलन सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार को महत्वपूर्ण क़दम उठाना चाहिये। 

सिन्हा ने कहा कि ऐसे परीक्षाओं में सक्रिय सॉल्वर गैंग और सरकार के विभागों में पदस्थ उच्च अधिकारीयों के बीच के सांठ -गाँठ का ही परिणाम है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो जाता है। ऐसे में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारीयों पर शिकंजा कस कर उनकी संपत्ति को ज़ब्त करनी चाहिये। साथ ही सॉल्वर गैंग में शामिल लोगों को दोषी करार होने पर कड़ी से कड़ी सजा सुननी चाहिए। ये लोग बिहार की प्रतिभाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे प्रदेश की साख़ कमज़ोर  हो रही है। सरकार को ऐसे मामलों में लीपापोती नहीं करनी चाहिये।  

सिन्हा ने आगे कहा कि कल तक सिपाही भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एस के सिंघल खुलेआम कह रहे थें कि सिपाही भर्ती परीक्षा में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है और एक अक्टूबर को आयोजित की गई परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त हुई थी। अब जब परीक्षा के रद्द हो जाने की बात आ गयी है। तब उनके बयान की सार्थकता पर सवाल खड़ा होना लाजमी है। इसमें कोई शक नहीं है कि ऐसे बयानों के पीछे सरकार का दवाब ना हो। वैसे भी मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारीयों में से एक एस के सिंघल भी हैं।   सिन्हा ने कहा कि बिहार में दरोगा, अमीन सहित सभी भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली को लेकर आजतक संबंधित किसी अधिकारी पर ना तो कार्यवाही हुई है और ना ही जांच की रिपोर्ट जारी की गयी है। सरकार इसे अविलंब संज्ञान में ले और इस प्रकरण में दोषी विभाग व् अधिकारीयों पर कार्यवाही सुनिश्चित करे। जैसे-जैसे मुद्दे पुराने होते जाते हैं सरकार उसपर लीपापोती कर अपने भ्रष्ट पदाधिकारियों को संरक्षित करने में जुट जाती हैं। ज्ञात हो कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच हेतु हमने पहले भी लगातार आवाज उठाई है लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक किसी तरह का कोई पहल नहीं किया गया है।

सिन्हा ने इस बात पर जोर देते हुये कहा कि बिहार में पात्रता परीक्षाओं में गड़बड़ी को लेकर हम लगातार आवाज उठाते रहे हैं। अनेकों बार शासन-प्रशासन की ऐसी गड़बड़ियों में घोर संलिप्ता पर आवाज उठाते रहे हैं। आज उसी का नतीजा है कि विभाग को परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। मौजूद साक्ष्यों और प्रमणों के साथ हमने 1 अक्टूबर को हुए सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली को उजागर किया और इस तरह के कदाचार को लेकर सरकार और प्रशासन दोनों से सवाल किया था। बिहार के अभ्यर्थियों में उत्कृष्ट प्रतिभा व्याप्त है और ऐसे में समय-समय पर इस तरह से उनको हताश और निराश करना भविष्य के लिए ख़तरा  है। ऐसे में सरकार को शत-प्रतिशत तैयारी और पूर्ण रूप से कदाचार मुक्त परीक्षा सुनिश्चित करने के पश्चात ही आगे की परीक्षाओं को आयोजित करनी चाहिए। हमारी आवाज अपने प्रदेश की प्रतिभाओं के हनन के ख़िलाफ़ हमेशा बुलंद रहेगी।

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