बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

चुनाव आयुक्त के इस्तीफे से निशाने पर आई मोदी सरकार, विपक्ष ने पूछा- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बारे में क्या संदेश जाएगा

चुनाव आयुक्त के इस्तीफे से निशाने पर आई मोदी सरकार, विपक्ष ने पूछा- दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बारे में क्या संदेश जाएगा

DESK. चुनाव की पूर्व संध्या पर, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के बारे में क्या संदेश देता है? अरुण गोयल के इस्तीफे पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरते हुए टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने रविवार को हमला किया. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आम चुनाव होना है लेकिन वहां के चुनाव आयुक्त इस्तीफा दे रहे हैं. एक अन्य चुनाव आयुक्त का पद पहले से खाली है. इन स्थितियों में दुनिया में हमारे लोकत्रंत्र को लेकर क्या धारणा बनेगी, इसका जवाब देना चाहिए. 

कांग्रेस ने घेरा : इलेक्शन कमिश्नर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयुक्त पद से अरुण गोयल का इस्तीफा तीन सवाल खड़े करता है. 1. क्या उन्होंने वास्तव में मुख्य चुनाव आयुक्त या मोदी सरकार के साथ मतभेदों पर इस्तीफा दिया. जो सभी कथित स्वतंत्र संस्थानों के लिए सबसे आगे रहकर काम करती है?  2. क्या उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया? 3. क्या उन्होंने कुछ दिन पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की तरह भाजपा के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था?

'हर दिन लोकतांत्रिक संस्थानों को झटका दे रहा' : जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग ने 8 महीने से वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के मुद्दे पर देश की राजनीतिक पार्टियों से मिलने से इनकार कर दिया है, जो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हेरफेर (EVM) को रोकने के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के भारत में प्रत्येक बीतता दिन लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों पर एक अतिरिक्त झटका दे रहा है. 

खड़गे ने किया केंद्र सरकार पर हमला : वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने X पर एक पोस्ट में कहा कि चुनाव आयोग या चुनाव चूक? भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त हैं, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है. उन्होंने कहा कि अगर स्वतंत्र संस्थानों का ''व्यवस्थित विनाश'' नहीं रोका गया तो तानाशाही द्वारा लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा.

दरअसल, लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्तों पहले एक बेहद चौंकाने वाले कदम में चुनाव आयुक्‍त अरुण गोयल  ने इस्‍तीफा दे दिया है. राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने चुनाव आयुक्‍त अरुण गोयल  इस्‍तीफा स्‍वीकार कर लिया है. बता दें निर्वाचन आयोग में मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त और दो चुनाव आयुक्‍त होते हैं. पहले से ही एक चुनाव आयुक्‍त का पद खाली है .चुनाव आयुक्त अनूप कुमार पांडे फरवरी में सेवानिवृत्त हो गए थे और अब अरुण गोयल के इस्‍तीफे के बाद पूरी जिम्‍मेदारी मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त राजीव कुमार के कंधों पर आ गई है.

1985 बैच के पंजाब कैडर के आईएएस अधिकारी रहे अरुण गोयल ने 18 नवंबर, 2022 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी. उसके अगले दिन ही उन्हें चुनाव आयुक्त नियुक्त कर दिया गया था. उनका कार्यकाल दिसंबर, 2027 तक था. वह अगले साल मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह लेने वाले थे. चुनाव आयुक्त के रूप में जब अरुण गोयल की नियुक्ति हुई थी तब भी उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. अब उनके इस्तीफा देने से फिर से यह मामला तूल पकड़ रहा है. 


Suggested News