DESK. भारत में वेदों को लेकर कई प्रकार की अनभिज्ञता से लोग ग्रसित रहते हैं. स्थिति है कि वेदों की बातें खूब होती हैं लेकिन उसे पढने वाले लोगों की संख्या बेहद कम होती है. ऐसे में अब केंद्र की मोदी सरकार ने एक अनोखी पहल की शुरुआत करने की घोषणा की है. इसके लिए बाकायदा मोदी सरकार को राज्यसभा में सभापति ने खुद निर्देश दिया है कि सभी सांसदों को वेदों की प्रतियाँ उपलब्ध कराई जाएँ.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह जल्द ही राज्यसभा के सभी सदस्यों को वेद ग्रंथ उपलब्ध कराएंगे। सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से इस संबंध में की गई एक पहल के बाद उन्होंने राज्यसभा में यह घोषणा की। उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रधान महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे।
इसी समय सभापति धनखड़ ने उनसे कहा कि यदि वह संसद सदस्यों को वेद की एक प्रति उपलब्ध कराएंगे तो बहुत प्रसंशनीय कदम होगा। इसके जवाब में प्रधान ने कहा, ‘‘बिल्कुल सर। हम निश्चित रूप से आपके आदेश का पालन करेंगे। राज्यसभा के सारे सदस्यों को वेद उपलब्ध कराएंगे। आपने अच्छा सुझाव दिया है। इसका पालन करेंगे।’’
उन्होंने सभापति को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपने एक बहुत ही पवित्र काम के संबंध में सदन का मार्गदर्शन किया है। वेद के बारे में आपने जो रूचि दिखाई है, वह इतिहास में दर्ज होगा।’’ इसी दौरान कुछ सदस्यों ने अपनी-अपनी भाषा में वेद ग्रंथ उपलब्ध कराने की मांग की।
इस पर सदन में मौजूद केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि अब तो ऐसी प्रौद्योगिकी मौजूद है कि आप जिस भाषा में चाहें पुस्तक को पढ़ सकते हैं। धनखड़ ने गड़करी के सुझाव को ‘बहुत अच्छा’ करार देते हुए कहा, ‘‘प्रधान जी कठिन मामलों को भी आसान करने में सक्षम हैं। इनका प्रयास प्रभावी भी रहेगा और सार्थक भी रहेगा।’’