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फिर बैकफुट पर मोदी सरकार : विपक्ष के दबाव के बाद अग्निवीरों को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी, जवानों को होगा बड़ा फायदा

फिर बैकफुट पर मोदी सरकार : विपक्ष के दबाव के बाद अग्निवीरों को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी, जवानों को होगा बड़ा फायदा

NEW DELHI :अग्निपथ योजना की जब से शुरूआत हुई है। तब से कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार पर इस योजना को लेकर हमलावर है। हाल में समाप्त हुए लोकसभा चुनाव में अग्निपथ योजना विपक्ष के सबसे अहम मुद्दों में से एक  था । लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ऐलान किया था कि अगर हमारी सरकार आएगी तो हम इस योजना को हटा देंगे। 

ऐसे में अब विपक्ष के दबाव के बाद केंद्र की मोदी सरकार अग्निवीर योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है। रक्षा मंत्रालय अगनिवीरों की नौकरी की अवधि बढ़ाने पर विचार कर रही है। साथ ही साथ केंद्र सरकार अग्निपथ योजना कई प्रकार के बदलाव कर सकती है। 

रक्षा मंत्रालय के सुत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि अग्निवीरों को सेवा में बनाए रखने की सीमा बढ़ाने को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इसके बाद चार साल की सेवा पूरी कर चुके ज्यादा अग्निवीर सेना का हिस्सा बने रह सकेंगे। फिलहाल, यह आंकड़ा 25 प्रतिशत है। कहा जा रहा है कि सैन्य जानकारों का मानना है कि 25 फीसदी रिटेन करने की सीमा पर्याप्त नहीं है। 

हालांकि रक्षा मंत्रालय तरफ से इसको लेकर अधिकारिक पुष्टि नही की गई है। मौजूदा समय की बात करे तो अग्निपथ योजना के तहत युवाओं के सेना में चार साल के लिए नैकरी दी जाती है। लेकिन 25 प्रतिशत अग्निवीरों के सेवा को बढ़ाया जायेगा ।

लोकसभा चुनाव में कम सीटें आने का बना कारण

लोकसभा चुनाव के समाप्ति के बाद भाजपा के कई उम्मीदवारों ने भी स्वीकार किया था कि लोकसभा चुनाव में अग्निपथ योजना के कारण उनकी हार हुई है। झुंझुनूं से बीजेपी के हारे हुए लोकसभा उम्मीदवार शुभकरण चौधरी ने हार के लिए अग्निवीर योजना को बड़ा कारण बताया था।  शुभकरण ने कहा कि आज सरकार ने अग्निवीर में बदलाव की तैयारी की है उन्होंने  कहा था कि यह मेरी वोटिंग के एक दिन पहले कर दिया होता तो हम चुनाव जीत गए होते। अग्निवीर की वजह से युवा हताश है। 

यह तीसरी बार होगा जब केंद्र अपने पूर्व के फैसले को वापस लेने की तैयारी कर रही है। इससे पहले वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लागू करने से पहले जेपीसी के पास भेजने और यूपीएससी में लेटरल इंट्री से होनेवाली नियुक्ति पर अपना फैसला बदल चुकी है।

REPORT - RITIK KUMAR

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