N4N DESK : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल के लिए मोदी सरकार यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए कानून में बदलाव करेगी। दरअसल वर्ष 2013 में यूपीए सरकार ने एक कानून पास किया था जिसके अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय समिति या मेमोरियल बनाने पर पाबंदी लगा दी थी।
भारतीय राजनीति में अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को देखते हुए एनडीए सरकार ने अटल जी की समाधि स्थल बनाने का फैसला लिया है। दिल्ली राजघाट के करीब यमुना नदी किनारे इस समाधि स्थल का निर्माण कराया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कानून को कैबिनेट की अगली बैठक में बदल दिया जाएगा।
गौरतलब है कि राजघाट पर महात्मा गांधी के समाधि स्थल के अलावा, 8 पूर्व प्रधानमंत्री, दो पूर्व राष्ट्रपति और दो पूर्व उपप्रधानमंत्री का समाधि स्थल है। जवाहर लाल नेहरू के समाधि स्थल को शांति वन, इंदिरा गांधी के समाधि स्थल को शक्ति स्थल, लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल को विजय घाट, चौधरी चरण सिंह के समाधि स्थल को किसान घाट के नाम से जाना जाता है।