बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को हर माह 4000 रुपए देगी मोदी सरकार, जानें क्या है योजना की खास बातें

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को हर माह 4000 रुपए देगी मोदी सरकार, जानें क्या है योजना की खास बातें

NEW DELHI : पिछले दो साल में कोरोना के कारण हजारों ऐसे बच्चे हैं, जिनके मां-बाप इस बीमारी का शिकार हो गए। ऐसे अनाथ बच्चों के लिए आनेवाल भविष्य अंधकार में जाने की बात कही जा रही थी। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने ऐसे सभी अनाथ बच्चों के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने इन बच्चों के लिए PM केयर फॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत आज इन अनाथ बच्चों के खाते में चार हजार रुपए स्कॉलरशिप के रूप प्रधानमंत्री ने ट्रांसफर किए हैं। बताया गया कि यह राशि हर माह इन बच्चों के खाते में  भेजी जाएगी।

पीएम ने ऐलान किया कि ऐसे बच्चों को उनकी हायर एजुकेशन के लिए लोन चाहिए होगा तो पीएम केयर्स उसमें उनकी मदद करेगा। बच्चे पढ़ाई करेंगे तो आगे और भी पैसों की जरूरत होगी। उन्हें 18 साल से 23 साल तक स्टाइपेंड मिलेगा। 23 के होंगे तो 10 लाख रुपए और मिलेगा। कोई बीमारी कभी आ गई तो इलाज के लिए पैसे चाहिए होंगे।

माता पिता के स्नेह की नही कर सकते भरपाई

पीएम ने आगे कहा कि एक छोटा सा प्रयास है। जिनके माता-पिता नहीं रहे। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर एक देशवासी आपके साथ है। मैं एक बात और कहूंगा कि कोई भी प्रयास और सहयोग आपके माता-पिता के स्नेह की भरपाई नहीं कर सकता  मुझे संतोष है कि बच्चों की अबाधित पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया जा चुका

पिछले साल लांच की गई थी योजना

सरकार ने यह योजना पिछले साल 29 मई को लांच की थी। इसके तहत 11 मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2022 के बीच कोरोना महामारी के चलते अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या माता या पिता में से किसी एक को खोने वाले बच्चों की मदद की जाती है।

अनाथ बच्चों को मिलेगा ये लाभ

इसके तहत प्रत्येक बच्चे को 20 हजार रुपये की स्कालरशिप दी जाती है। इसके अलावा बच्चों को आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन पासबुक और हेल्थ कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार को 23 राज्यों के 611 जिलों से 9,042 आवेदन मिले थे। इनमें से 31 राज्यों के 557 जिलों के 4,345 आवेदनों को मंजूरी मिली।

योजना का उद्देश्य बच्चों को भोजन और घर उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह स्कीम हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखती है। इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।


Suggested News