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मोतिहारी जिले ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, शराबबंदी को लेकर कार्रवाई में नवम्बर माह में पूरे राज्य में रहा अव्वल

मोतिहारी जिले ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, शराबबंदी को लेकर कार्रवाई में नवम्बर माह में पूरे राज्य में रहा अव्वल

MOTIHARI : बिहार पुलिस मुख्यालय मद्यनिषेध प्रभाग द्वारा मद्यनिषेध से संबंधित 7 बिंदुओं पर जिले में की गई कार्रवाई के आधार पर नवंबर माह में जिलावार प्रदर्शन रैंकिंग में मोतिहारी जिला को सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त हुआ है। मोतिहारी जिला ने पिछले माह की अपनी रैंकिंग से सात पायदान ऊपर उठकर सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। इस रैंकिंग में वैशाली, कैमूर, नवादा एवं सहरसा जिला द्वारा क्रमश: द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पंचम स्थान प्राप्त किया गया है। बता दें पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष के नेतृत्व में मोतिहारी पुलिस की ओर से शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कई कदम उठाये गए हैं। जिससे नवंबर माह में रिकॉर्ड 10,962 लीटर शराब बरामदगी, 01 ट्रक की जब्ती, 287 प्राथमिकी दर्ज, 422 गिरफ्तारियाँ, मद्यनिषेध कांडों में 10 अपराधियों की न्यायालय में दोषसिद्धि हुई है। वहीँ इस वर्ष मोतिहारी पुलिस द्वारा नवंबर माह तक रिकॉर्ड जब्त 3,529 में 3,129 वाहन एवं जब्त 62 में 45 भवन/भूखण्ड राज्यसात किया गया है।


विदित हो कि जिला पुलिस द्वारा मद्यनिषेध कानून के तहत अब तक 9,00,000 लीटर शराब की बरामदगी के साथ 16,295 प्राथमिकियों में 20,500 गिरफ्तारी की जा चुकी है। साथ ही, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं सफल अभियोजन की मदद से मोतिहारी जिला पुलिस द्वारा मद्यनिषेध अधिनियम के वादों में अब तक 771 अपराधियों को दोषसिद्धि कराते हुए पूरे राज्य में दोषसिद्धि में भी पहले ही अव्वल स्थान पर है। जिला पुलिस मद्यनिषेध के कुख्यात माफियाओं को हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्यों से योजनाबद्ध रूप से गिरफ्तार कर रही है। 25 से ज्यादा गंभीर प्रकृति के शराब कांडों का स्पीडी ट्रायल के माध्यम से न्यायालय में विचार किया जा रहा है।

मोतिहारी पुलिस की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग जिला पुलिस द्वारा मद्यनिषेध क्रियान्वयन में अपनाई गई अत्याधुनिक तकनीक जैसे नदी के आसपास के शराब विनिर्माण इलाकों में बोट पेट्रोलिंग, दुर्गम एवं अब तक अभेद्य इलाकों में ड्रोन से निगरानी, एएलटीएफ का गहन प्रयोग, थानावार मद्यनिषेध का लक्ष्यबद्ध अभियान एवं मद्यनिषेध कांडों में कुख्यात माफियाओं को बेहतर अनुसंधान द्वारा न्यायालय से दोषसिद्धि दिलाने की प्रतिबद्धता से प्राप्त हुआ है। जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा लगातार सभी थानों के मद्यनिषेध में किए गए कार्यों की समीक्षा की जाती रही है। सभी पुलिस पदाधिकारियों के वार्षिक कार्य निष्पादन (ACR) के मूल्यांकन में पुलिस अधीक्षक द्वारा मद्यनिषेध के क्रियान्वयन में किए गए कार्यों को एक महत्वपूर्ण कसौटी माना जाता रहा है।

विधिक प्रवर्तन (Legal Enforcement) के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जिला पुलिस द्वारा मद्यनिषेध क्रियान्वयन में जन-जागरूकता का भी भरपूर सकारात्मक उपयोग किया गया है। संग्रामपुर, हरसिद्धि, बंजरिया एवं अन्य शराब विनिर्माण के कुख्यात इलाकों में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में जिला पुलिस द्वारा दलित बस्तियों, धांगर टोलों में किए गए जन-जागरूकता अभियान का इस कानून के प्रवर्तन में महत्वपूर्ण लाभ मिला है। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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