बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

कटघऱे में मोतिहारी एमवीआई ! अब तक MVI बिना देखे गाड़ी का फिटनेस देते थे...अब तो ऑफिस में बैठे-बैठे 'वैल्यू' भी लगा दे रहे

 कटघऱे में मोतिहारी एमवीआई ! अब तक MVI बिना देखे गाड़ी का फिटनेस देते थे...अब तो ऑफिस में बैठे-बैठे 'वैल्यू' भी लगा दे रहे

MOTIHARI:  बिहार में बिना देखे गाड़ी का फिटनेस देने, वैल्यू लगाने का खेल कोई नया नहीं है। पहले भी परिवहन विभाग के एमवीआई इस तरह के काम कर चुके हैं। मुजफ्फरपुर व पटना के एमवीआई दूसरे जिले के थाने में बंद गाड़ी को दफ्तर में बैठे-बैठे ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर चुके हैं। मामले के खुलासे के बाद जांच भी हुई लेकिन एमवीआई अपनी ताकत के बदौलत फाइल को दबवा कर बैठे हैं। अब नया मामला मोतिहारी से है जहां चार साल पहले जिस गाड़ी को कोर्ट के आदेश पर रिलीज कर दिया गया उस गाड़ी का एमवीआई ने वैल्यू लगा दिया । बाकी का काम मद्य निषेध विभाग ने किया। उस गाड़ी को एक लाख में नीलामी कर दिया गया। डाक लेने वाला शख्स एक लाख रू सरकारी खजाने में जमा कर दर-दर की ठोकरें खा रहा है। 

कटघरे में एमवीआई

न्यूज4नेशन ने जब मामले का खुलासा किया तो हड़कंप मचा है। अब एक अधिकारी दूसरे पर थोपने की कोशिश में जुटे हैं. मोतिहारी के मोटरयान निरीक्षक संजय टाईगर जिन्होंने बोलेरो को बिना देखे उसका मूल्य लगा दिया, उनका कहना है कि थाना के रिपोर्ट पर हमने मूल्य लगा दिया। मोतिहारी एमवीआई संजय टाईगर ने कहा कि थाना स्तर से राज्य सात के लिए गाड़ी का रिपोर्ट भेजा जाता है। उसी आधार पर गाड़ी का मूल्यांकन कर दिया जाता है। मानवीय भूल के कारण थाना में गाड़ी रहे बिना उसका मूल्यांकन हुआ। इसके बाद उसका डाक कर दिया गया। ऐसे मूल्यांकन अधिक होने के कारण 500 गाड़ी का कागजात पुनः मूल्यांकन के लिए आया है।

जानें पूरा खेल

मोतिहारी में परिवहन विभाग के एमवीआई-मद्य निषेध विभाग का अजीबो-गरीब कारनामा सामने आया है। थाना में गाड़ी देखे बिना एमवीआई ने कर दिया मूल्यांकन।वहीं मधनिषेध विभाग ने निकाल दिया टेंडर। डाक में बोलेरो गाड़ी के लिए 1 लाख की बोली लगा और पैसा जमा कर जब वह व्यक्ति थाना पहुंचा तो थाना में गाड़ी ही नही है ।पता चला कि बोलेरो तो वर्ष 2017 में ही हाई कोर्ट के आदेश पर रिलीज हो गया। आखिर जब गाड़ी थाना में था ही नही तो मूल्यांकन कैसे हो गया?  यह बड़ा सवाल है। ।वही थाना में जब गाड़ी थी ही नही था तो मद्यनिषेध विभाग ने डाक कैसे कर दिया? 

डाक लिया व्यक्ति एक लाख रुपया जमा के थाना का लगा रहा है। मामला मोतिहारी के डुमरिया घाट थाना का है। मामला उस समय उजागर हुआ जब मद्ध निषेध विभाग से गाड़ी का डाक लेकर उसे रिलीज कराने डाकधारी थाने पहुंचा. जहां थानेदार ने उस गाड़ी के थाने में नही होने की बात बताई। मामले को लेकर रामपुर खजुरिया निवासी अनुज गिरी ने स्थानीय थाने से लेकर वरीय अधिकारियों तक आवेदन देकर गाड़ी मुक्त कराने के लिए न्याय का गुहार लगाई है। उसने बताया है कि 23 दिसंबर को मद्ध निषेध विभाग के जिला कार्यालय में आयोजित गाड़ियों के ऑक्शन में शामिल होकर डुमरियाघाट थाना कांड संख्या- 86/17 में जब्त एक बोलेरो संख्या- बीआर06पी 7989 की उच्चतम बोली लगा उस गाड़ी का अधिकार पत्र अपने नाम किया है.उसने ऑक्शन में बोली गयी उच्चतम नीलामी राशि एक लाख रुपये 25 दिसंबर को विभागीय कार्यालय में जमा करा दिया है. साथ ही विभाग से उक्त बोलेरो गाड़ी को थाना से विमुक्त कराने के लिए प्रमाण पत्र ले लिया। इधर गाड़ी को विमुक्त कराने जब वह थाने पहुंचा तो थानेदार ने बताया कि उक्त गाड़ी थाना में नही है. उक्त बोलेरो संख्या- बी आर 06 पी 7989 उच्चतम न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2017 में ही मुक्त हो गया है. 

कटघरे में एमवीआई से लेकर मद्य निषेध विभाग

बड़ा स,वाल यही है कि जब गाड़ी पूर्व में ही मुक्त हो गया तो उसका डाक कैसे हुआ. जबकि नियमानुसार डाक से पूर्व जब्त गाडियों का निरीक्षण व मूल्यांकन एमवीआई द्वारा किया जाता है. जब बोलेरो को 2017 में ही रिलीज कर दिया गया तो एमवीआई ने मूल्यांकन कैसे कर दिया...क्या बिना देखे ही ऑफिस में बैठे-बैठे ही सबकुछ हो गया ? वहीं इस संबंध में जब डुमरिया घाट थानाध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि मानवीय भऊल की वजह से यह सब हुआ। जब्त बोलेरो को 2017 में हाईकोर्ट के आदेश पर रिलीज किया गया था। अब एमवीआई ने कैसे निरीक्षण किया और मद्य निषेध विभाग ने डाक कैसे कर दिया यह तो वही बता सकते हैं। 

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट

Suggested News