मोतिहारी में आदर्श आचार संहिता का उलंघन कर राजनीतिक मंच साझा करना ,वरीय अधिकारियों का आदेश नही मानने व कार्य मे लापरवाही को लेकर विद्युत विभाग ने अरेराज विधुत सहायक अभियंता को निलंबित कर दिया है .विद्युत विभाग अवर सचिव पटना शैलेन्द्र कुमार झा ने अरेराज एसडीओ के रिपोर्ट पर निलंबित किया है.निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विधुत आपूर्ति अंचल छपरा बनाया गया है .अरेराज अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार के रिपोर्ट पर सहायक विद्युत अभियंता पर कार्रवाई किया गया है .
लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लगने के बाद 17 मार्च को आयोजित होली मिलन समारोह में बिना सक्षम प्राधिकार के निर्देश के राजनीतिक पार्टी के लोगो के साथ विद्युत सहायक अभियंता द्वारा मच साझा किया गया .वही कार्यक्रम में सह संयोजक भी बने थे .जिसको लेकर सोशल मीडिया पर विधुत सहायक अभियंता का वीडियो वायरल हो रहा था .वीडियो वायरल होने के बाद अरेराज एसडीओ अरुण कुमार द्वारा स्पष्टीकरण की मांग किया गया था. सहायक अभियंता द्वारा स्पष्टीकरण का जबाब भ्रामक दिया गया .जिसके बाद अरेराज एसडीओ द्वारा डीएम सौरभ जोरवाल को रिपोर्ट भेजा गया था .डीएम द्वारा विद्युत सहायक अभियंता पर करवाई के लिए विधुत विभाग के वरीय पदाधिकारी को करवाई के लिए भेजा गया था .
लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के अवसर पर जिला में आदर्श आचार संहिता लागू है. आचार संहिता का पालन नागरिकों के साथ सरकारी कर्मियों को भी करना है. निर्वाचन कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कर्तव्य से विमुक्ति अथवा आचार संहिता के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई के निदेश प्राप्त है. मधुकर बनमाली सहायक विधुत अभियंता अरेराज द्वारा बिना जिला निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति के लगातार काव्य सम्मेलनों में भाग लिया जा रहा था. सरकारी कर्मियों के लिए निर्गत दिशा निर्देश का प्रथम दृश्य उल्लंघन करने का मामला प्रकाश में आने पर शमधुकर बनमाली, सहायक अभियंता विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल अरेराज को विभाग द्वारा निलंबित किया गया है। बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम तीन एवं नियम छः के तहत कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए बिहार सीसीए रूल्स 2005 के तहत उनके विरुद्ध संचालित की जाने वाली कार्रवाई पर बिना प्रतिकूल प्रभाव डाले तक्षण प्रभाव से विभागीय अनुशंसा के आलोक में उन्हें निलंबित किया गया है.
इस मामले में अनुमंडल पदाधिकारी अरेराज के द्वारा बनमाली से स्पष्टीकरण किया गया था जिसका जवाब भ्रामक पाया गया और उसे अस्वीकृत करते हुए उनके विरुद्ध आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों एवं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निर्गत निषेधाज्ञा का उल्लंघन, वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना, कर्तव्य में लापरवाही के लिए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई. जिसके आलोक में यह कार्यवाही की गई है.
Report-Himanshu