रीवा। (MP News) नई दिल्ली की सीमा पर कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में रीवा में भी 75 दिन से प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन इस विरोध प्रदर्शन में गुरुवार का दिन कुछ अलग था. अलग इसलिए कि क्योंकि जिस मंच से कृषि कानून का विरोध किया जाता रहा है, वह मंच शादी का मंडप बन गया। इस मंच पर अब शहनाई गूंजी है। किसान के बेटा-बेटी की शादी धरना स्थल से ही हुई है। रोचक बात यह है कि नवदंपती ने अग्नि की जगह डॉ. अबेडकर को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।
क्या है शादी की पूरी कहानी
दरअसल, रीवा की कृषि उपज मंडी करहिया में किसान नेता रामजीत सिंह ने धरना स्थल पर ही अपने पुत्र सचिन सिंह का विवाह संस्कार आयोजन किया। इस विवाह संस्कार में लड़की पक्ष स्वयं बारात लेकर मंडी स्थित धरना स्थल पहुंचे, जहां पर दोनों ने एक दूजे को माला पहनाई। इस शादी समारोह के मौके पर कोई सजावट नहीं की गई थी। साथ ही बैंड-बाजे भी नहीं थे। रामजीत सिंह की मानें तो कृषि कानून बिल का विरोध करते हुए वह घर वापसी नहीं कर सकते हैं, जिसकी वजह से बेटे की शादी यहीं से कराया है। उन्होंने कहा कि अब घर गए बिना धरना स्थल से ही सभी मांगलिक कार्य करेंगे।
बारात लेकर आई दुल्हन
बताया जा रहा है कि रामजीत सिंह के पुत्र सचिन सिंह और विष्णु दत्त सिंह की पुत्री आसमा सिंह एक दूसरे से प्रेम करते थे और परिवार की सहमति से दोनों ने काले कृषि कानून बिल का विरोध करते हुए अनूठा विवाह किया है। इस शादी में दुल्हन स्वयं बारात लेकर दूल्हे के दरबार पर आई। हाथ में तिरंगे के साथ संविधान पुस्तिका को साथ में रखकर दोनों ने एक दूजे को माला पहनाई।