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हिन्दी फिल्मों में बिहार को अलग पहचान देने की कोशिश में जुटे मुंगेर के प्रभात ठाकुर, अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ कर चुके हैं काम

हिन्दी फिल्मों में बिहार को अलग पहचान देने की कोशिश में जुटे मुंगेर के प्रभात ठाकुर, अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारों के साथ कर चुके हैं काम

PATNA : आगामी 5 अप्रैल को जब हिंदी फिल्म ‘द लॉस्ट गर्ल’ देश भर के सिनेमाहॉल के परदे पर जब दस्तक देगी तो इसमें बिहार की मिट्टी से जुड़ी प्रतिभा भी अपने काम से सुर्खियों में नजर आयेगी। यह नाम है प्रभात ठाकुर जैसे युवा निर्देशक का जो फिल्म ‘ द लॉस्ट गर्ल’ से अपने निर्देशन के कैरियर  आगाज करने जा रहे हैं। प्रभात ठाकुर का बचपन भले ही झारखंड के बोकारो में बीता हो। आरंभिक शिक्षा-दीक्षा भी बोकारो में ही हुई। झारखंड के कतरासगढ़ इप्टा ईकाई से जुड़कर उन्होंने कई नाटकों में अभिनय भी किया। इस सबके साथ बिहार के अपने मूल निवास स्थान मुंगेर से लगाव आज भी है, यह लगाव कभी कम नहीं हुआ। वहां भी उन्होंने नाटकों को देखा और उनमें अवसर मिलने पर काम भी किया। 

फिल्मों के प्रति दीवानापन और कला के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने की चाहत उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ले गयी जहां से वे कला स्नातक हुये। अपने अंतिम लक्ष्य सिनेमा की नगरी मुंबई आने के बाद  प्रभात स्व. नितिन देसाई जैसे विश्वविख्यात आर्ट डायरेक्टर के सहायक रहे। 

हेराफेरी, खूबसूरत जैसी फिल्मों के लिए किया काम

उनके साथ प्रभात ने आरंभ में हेराफेरी, खूबसूरत, आवारा पागल दिवाना,,आंखें,रांझना, किस्मत कनेक्शन, बहुत हुआ सम्मान, सरोज का रिश्ता, टीटू अंबानी, दीवार-ब्रिंग्स अवर हीरोज और मकबूल आदि फिल्मों में काम किया। इस दौरान उन्होंने इंडस्ट्री के दिग्गज निर्देशकों के काम को करीब से और बड़ी बारिकी से अध्य्यन किया ।  

द लॉस्ट गर्ल में बड़ी जिममेदारी

स्वतंत्र रूप से आर्ट डायरेक्टर के रूप में पहली फिल्म ‘पाठशाला’ (शाहिद कपूर अभिनित) मिली। उसके बाद तो सिलसिला चल निकला।  लेकिन मन में निर्देशन की इच्छा भी कहीं जन्म  ले रही थी। ऐसे में उन्हें आदित्य रानोलिया मिले जिनके साथ फिल्म ‘द लॉस्ट गर्ल’ की शुरुआत हुई । बतौर आर्ट डायरेक्टर की कमान संभाल चुके प्रभात की यह पहली फिल्म होगी जिसमें उन्होंने सेकेंड यूनिट डायरेक्टर  की कमान संभाली है। अपने दायित्व का भलीभांति निर्वाह करते हुये इन्होंने फिल्म के प्रत्येक पक्ष (कलाकारों के चयन से लेकर उनके अभिनय प्रदर्शन, सिनेमाटोग्राफी, गीत-संगीत का चयन, सेट निर्माण, संपादन और आउटडोर लोकेशन आदि  का बड़ी सूक्ष्मता से अवलोकन किया है और निर्देशक के साथ सभी सृजनशील पक्षों पर अपनादृष्टिकोण साझा किया ।  

दूसरे शब्दों में कहें तो फिल्म के निर्माता-निर्देशक आदित्य रानोलिया के बाद सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इस फिल्म से उन्हें बहुत उम्मीदे हैं। उन्हें पूरा विश्वास है कि दर्शक इस फिल्म को नये और प्रतिष्ठित  कलाकारों को लेकर बनायी गयी इस फिल्म को बहुत पसंद करेंगे।

 इस फिल्म की कहानी पर उन्हें इतना विश्वास था कि उन्होंने इसकी गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया और न ही किसी फॉर्मुले को जबर्दस्ती डालने की कोशिश की है। पिछले दिनों विशेष इस फिल्म के ट्रेलर लांच की स्क्रीनिंग रखी गयी। ट्रेलर के साथ फिल्म के सभी गाने भी दिखाये गये।

1984 के दंगे पर आधारित  है  कहानी

फिल्म की कहानी की पृष्ठभूमि में 1984 के वीभत्स सिख दंगे दिखायी देंगे। इस दंगे में कैसे एक मासूम लड़की अपने परिवार को खो देती है। लगभग 15 वर्षों के कठिन संघर्ष के बाद कई तरह की चुनौतियों को पार करते हुये और उसे अनुभव करते हुये एक किताब ‘द लॉस्ट गर्ल’ लिखकर पूरी दुनिया में मशहूर होती है।        

फिल्म की स्क्रीनिंग देखने के लिये फिल्म के सभी क्रू मेंबर , कलाकारों के साथ फिल्म और मीडिया जगत की सारी हस्तियां मौजूद थीं। सबने एक कंठ से फिल्म के ट्रेलर की प्रशंसा की और यह उम्मीद भी जतायी कि यह फिल्म हिंदी सिनेमा में अपनी कहानी और फिल्मांकन से एक नया ट्रेंड स्थापित करते हुये सफलता के झंडे लहरायेगी।

यूट्यूब पर एक चर्चित धारावाहिक ‘किसानियत’ का निर्देशा कर चुके प्रभात ठाकुर को पूरी उम्मीद है कि इस फिल्म से उन्हें भी एक नयी पहचान मिलेगी। उनकी आंखों में फिल्मों की दुनिया में कुछ कर गुजरने के सपने हैं। वस्तुत: बिहार का यह युवा अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में हमेशा ही अग्रसर रहा है। फिल्म  ‘ द लॉस्ट गर्ल’ से उनकी एक नयी पारी शुरु हो चुकी है।

 


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