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मुजफ्फरपुर कारा में बंदी मां-बेटी के यौन शोषण में फंसे जेल अधीक्षक, पीड़िता ने PM को लिखा पत्र

मुजफ्फरपुर कारा में बंदी मां-बेटी के यौन शोषण में फंसे जेल अधीक्षक, पीड़िता ने PM को लिखा पत्र

मुजफ्फरपुर: जिले में शेल्टर होम का मामला शांत हुआ भी नहीं हुआ, कि मुजफ्फरपुर से एक और महिला उत्पीड़न का मामला सामने आ गया है. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के अधीक्षक राजीव कुमार सिंह पर एक महिला बंदी ने खुद व बेटी के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। 

उसने जेल से ही प्रधानमंत्री कार्यालय व राष्ट्रीय महिला आयोग को इसकी सूचना पत्र के माध्यम से दी है। महिला के पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं। डीएम आलोक रंजन घोष ने जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की है। टीम को एक सप्ताह में बिंदुवार रिपोर्ट देने को कहा गया है।

पत्र में महिला बंदी ने कहा कि राइटर को खुली छूट दे दी गई है। वे देर रात महिला खंड में आते हैं। सभी कैदियों को शाम छह बजे ही अंदर कर दिया जाता है। मगर, राइटर को देर रात तक बाहर रहने की छूट रहती है। उनके साथ महिला बंदी को देर रात बाहर भेज दिया जाता है। इसके बाद उसका शारीरिक शोषण किया जाता है। बेटी के साथ केंद्रीय कारा में बंद महिला बंदी के अनुसार पदाधिकारियों व राइटर के साथ संबंध बनाने का विरोध करने पर खाना बंद कर दिया जाता है। कोई न कोई आरोप लगाकर पिटवाया जाता है। पत्र में जेल की तीन महिला सिपाहियों के नाम का जिक्र करते हुए कहा गया है कि वे ही दबाव डालती हैं

मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा के जेलर एसके मौर्य ने कहा है कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह जेल से छूट चुकी है। उसका पति भी जेल में बंद था और बेटी भी। सभी देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। जेल परिसर व वार्ड 24 घंटे कैमरे की नजर में हैं। सभी आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं। हम जांच का सामना करेंगे।

जेल आईजी मिथिलेश मिश्र के अनुसार, मुजफ्फरपुर जेल अधीक्षक के खिलाफ शिकायत की एक प्रति जेल प्रशासन को मिली है। जेल प्रशासन ने इसके मद्देनजर जेल अधीक्षक के खिलाफ जांच के लिए डीएम को पत्र लिखा है।


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