MUZAFFARPUR : जिले में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस) हर साल की तरह इस साल भी कहर बरपा रहा है। जिले में अबतक 2 दर्जन से अधिक बच्चे इसकी चपेट में आ चुके है। जिनमें अबतक 3 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं बीमार बच्चों का निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
शहर के निजी अस्पताल में जहां पहले से ही इस बीमारी से ग्रस्त 17 बच्चों का इलाज चल रहा है। वहीं बीती देर रात जिले के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में इस बीमारी के शिकार हुए 8 बच्चों को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है।
डॉक्टरों के जांच में बीमार सभी बच्चों में चमकी बुखार से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि सभी बच्चों का प्रोटोकॉल के तहत इलाज चल रहा है। जांच के लिए ब्लड सैंपल लिया गया है। इलाज किया जा रहा है। रिपोर्ट आने का इंताजर है।
इस जिले में चमकी बुखार के कहर और इससे बच्चों की हुई मौत की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है।
हर साल जिले में यह बीमारी अपना कहर बरपा थी और बच्चे काल के गाल में समाते है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी के शुरुआत से पहले ही इसके रोकने के उपाय के दावे करती है लेकिन उसके दावे सिर्फ कागजी बनकर रह जाते है।
इसबार भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमारी के रोकथाम के लिए बड़े दावे किये गये थे, लेकिन वे खोखले साबित हो रहे है। आलम यह है कि जिले के कई गांव इसकी चपेट में है, लेकिन इसकी रोकथाम के कोई उपाय नहीं किये गये है।
सदर अस्पताल की स्थिति यह है कि वहां गंदगी का अंबार लगा है। इस बीमारी के लिए बनाये गये अलग वार्ड की स्थिति काफी खराब है। पूरा वार्ड गंदगी से भरा-पड़ा है। वहीं 24 घंटे के कार्यरत रहने के लिए खुले इस विभाग में न तो डॉक्टर मौजूद रहते है और न ही कोई नर्स। स्थिति यह है कि बीमार बच्चों के इलाज के लिए परिजनों को शहर के निजी या फिर एसकेएमसीएच का रुख करना पड़ रहा है। जिसकी वजह से कई बच्चों की अबतक जान जा चुकी है।
बता दें कि गर्मी के मौसम के हर साल यह बीमारी जिले में कहर बरपाती है। इस बीमारी से हर साल दर्जनों बच्चों की मौत होती है।
चमकी बुखार से मौत का आंकड़ा
वर्ष मरीज मौत
20010 59 24
2011 121 45
2012 336 120
2013 124 39
2014 342 86
2015 75 11
2016 30 4
2017 09 4
2018 35 11
2019 9 5