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बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े सिंडिकेट का खुलासा, मुजफ्फरपुर पुलिस ने किया उद्भेदन, यूपी के लड़के समेत आधा दर्जन से अधिक गिरफ्तार

बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले बड़े सिंडिकेट का खुलासा, मुजफ्फरपुर पुलिस ने किया उद्भेदन, यूपी के लड़के समेत आधा दर्जन से अधिक गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर. बिहार में नौकरी और ट्रेनिंग के नाम पर एक बड़े ठगी गिरोह का सिंडिकेट चल रहा था जिसका मुजफ्फरपुर पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है. यह सिंडिकेट बिहार के अलग-अलग जिलों समेत दूसरे राज्यों के बेरोजगार युवाओं को अपना निशाना बनाया करता था. ट्रेनिंग के नाम पर सभी बेरोजगार युवाओं से रुपए लिया जाता था और जब नौकरी नहीं मिलती और बेरोजगार युवक अपना पैसा वापस करने को कहते हैं तब इनके साथ मारपीट की जाती थी. इसका खुलासा मुजफ्फरपुर में हुए आधा दर्जन लोगों की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है. बेरोजगार युवकों को कंपनी की आड़ में नौकरी देने का झांसा देकर इन के साथ धोखाधड़ी किया जाता था मामले में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मुजफ्फरपुर जिला पुलिस के विशेष टीम और सिकंदरपुर ओपी की पुलिस ने संयुक्त रूप से अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी सीपाहपुर और हाजीपुर में छापेमारी कर इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ किया है. वही छापेमारी के दौरान इन गिरोह के कार्यालय से डायरी रशीद लकी ड्रा के कूपन और दर्जनों मोबाइल समेत अन्य कागजात पुलिस के द्वारा जप्त किया गया है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपितों में रुनीसैदपुर के निवासी सुबोध कुमार, पटना के पालीगंज निवासी अमन कुमार, महाराजगंज के निवासी अमित कुमार, दीपक कुमार, पश्चिमी चंपारण के निवासी देवराज उर्फ़ राजन, हाजीपुर के निवासी इंद्रजीत कुमार और कुशीनगर के रामपुर हाट निवासी करण गुप्ता शामिल है. गिरफ्तार सभी आरोपितों से पुलिस पूछताछ में जुटी है.

ऐसे हुआ खुलासा : मामले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के एक युवक ओंकार नाथ पढ़ने अहियापुर थाने में एफ आई आर दर्ज कराई थी. इसमें बताया गया कि पवन मेरा दोस्त है. उसने बताया कि कुशीनगर जिला के रामकोला थाना क्षेत्र के रामपुरभात निवासी करण गुप्ता मुजफ्फरपुर में डीवीआर यूनिक कंपनी में जॉब करता है जिसको नौकरी से अच्छा खासा पैसा प्राप्त होता है. पवन ने बताया कि हम अन्य दोस्तों के साथ वहां काम करने के लिए जा रहे हैं. अगर जॉब करना चाहते हो तो तुम भी चलो लेकिन मैं कुछ कारण नहीं आ सका. इसी बीच अपने दोस्तों के बताए अनुसार वह 15 अप्रैल को मुजफ्फरपुर आया और डीवीआर कंपनी में गया. इस दौरान कार्यालय में बैठे इंद्रजीत कुमार ने वहां करीब 500 की संख्या में बैठे लोगों के बीच 15 दिन प्रशिक्षण कराया.

प्रशिक्षण के दौरान करीब 21 हजार 500 रुपए नगद ऑफिस में जमा करवा लिया. वही पैसा जमा करवाने के बाद बोला गया कि कम से कम अपने साथ दो दोस्तों को कंपनी में काम करने के लिए बुलाओ. कंपनी के डायरेक्टर मनीष कुमार सिन्हा, ब्रांच मैनेजर मोहम्मद इरफान, कर्मी अजीत कुमार, सुबोध जयसवाल, अमन कुमार, अमित कुमार, इंद्रजीत कुमार, देवराज करण गुप्ता, और दीपक कुमार समेत सभी लोगों ने मिलकर दो दो लड़का बुलाने के लिए दबाव बनाने लगे. इससे इंकार करने पर उसे रूम में बंद कर दिया गया और इनके साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान इनका भोजन भी बंद कर दिया गया. जब इन्होंने कंपनी से अपना पैसा वापस करने के लिए कहा तो इन्हें धमकी दी जाने लगी. जब इन्होंने अपने आप को ठगा हुआ महसूस किया तो किसी तरह उन लोगों के चंगुल से निकलकर थाना पहुंचे जिसके बाद इस पूरे मामले की लिखित शिकायत की गई. 

आपको बताते चलें कि बखरी सिपाहपुर मैं पिछले कई सालों से डीवीआर बायो रिसर्च आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय चल रहा था. यहां मुजफ्फरपुर के अलावे बिहार के साथ-साथ कई अन्य राज्यों के युवाओं नौकरी के नाम पर ट्रेनिंग देने का प्रलोभन देकर पहले जोइनिंग में 18 से ₹22 हज़ार तक जमा करवाया जाता था . उसके बाद उन्हें सूट बूट मे अपनी आईडी के नीचे दो दूसरे व्यक्तियों को जोड़ने के लिए कहा जाता था नहीं करने पर उनके साथ मारपीट की जाती थी. रूम में बंद कर दिया जाता था खाना नहीं दिया जाता था इसी बीच जान बचाकर एक युवक वहां से भाग निकला जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के धुंधली थाना क्षेत्र के भूवनी निवासी ओंकार नाथ पांडे सबसे पहले अहियापुर थाना पर पहुंच कर इस पूरे मामले की शिकायत की लेकिन अहियापुर पुलिस के द्वारा मामले में किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. ओंकार नाथ पांडे किसी तरह सिकंदरपुर ओपी पहुंचकर इसकी शिकायत ओपी प्रभारी देवव्रत कुमार से की जिसके बाद ओपी प्रभारी देवव्रत कुमार ने नगर डीएसपी राघव दयाल को पूरे प्रकरण की जानकारी दी. वही जानकारी मिलते ही टाउन डीएसपी इलाज हरदयाल के निर्देश पर पुलिस की विशेष टीम और अहियापुर समेत सिकंदरपुर ओपी पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अहियापुर थाना क्षेत्र के बखरी सिपाहपुर स्थित कार्यालय में छापेमारी कर पूरे रैकेट का पर्दाफाश किया. इस दौरान आधा दर्जन कर्मी को पुलिस ने हिरासत में लिया है. 

बताया गया कि अहियापुर के बखरी सिपाहपुर स्थित कंपनी के कार्यालय से हिरासत में लिए गए कर्मियों के निशानदेही पर गुरुवार की देर रात मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम ने हाजीपुर में कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी कर तकरीबन आधा दर्जन और कर्मी को हिरासत में लिया. पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी प्राप्त हुई जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है. वही शुक्रवार को नगर डीएसपी समेत कई वरीय अधिकारियों ने गिरफ्तार कर्मियों से पूछताछ किया. पुलिस का कहना है कि नेट बैंकिंग की आड़ मे बेरोजगार युवाओं से ठगी की जा रही थी जिसका मुजफ्फरपुर पुलिस ने उद्भेदन किया है.


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