MUZAFFARPUR: साल 2020 में जहां दुर्गापूजा मनाने पर पाबंदी लगी हुई थी। वहीं इस साल गाइडलाइंस के साथ पंडाल बनाने और सार्वजनिक पूजन की इजाजत दी गई है। बात करेंगे मुजफ्फरपुर जिले के टाउन इलाका की, जहां पर नवरात्रि के सप्तमी की रात सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
यह वही सड़क है, जो कोरोना से पहले लोगों से पटी नजर आती थी। आज कोविड-19 प्रोटोकाल के कारण सड़क से भीड़ ही गायब हो गई । हर वर्ष शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में चलंत मूर्ति की व्यवस्था रहती थी । जिस कारण पूजा पंडालों में जबरदस्त भीड़ उमड़ती थी । परंतु इस बार प्रशासनिक व्यवस्था और कोविड-19 प्रोटोकोल के कारण किसी भी पंडाल में चलंत प्रतिमा व डीजे के कार्यक्रम को पूर्णता बैंन कर दिया गया है , एवं पंडाल के बाहर भी मेले के आयोजन पर सख्त पाबंदी लगा दी गई है । जिसका साफ असर मुजफ्फरपुर की सड़कों पर देखने को मिल रहा है । जो सड़क रात के 2:00 बजे तक लोगों के चहल कदमी से गुलजार रहता था । वह सड़क रात्रि के 10:00 बजे ही पूर्णता खाली नजर आ रही है , हालांकि प्रशासनिक तौर पर व्यवस्था काफी चाक चौबंद है सभी पंडालों के पास वाच टावर लगाए गए हैं ।
इसके अलावा शहर के सेंसिटिव इलाके में सीसीटीवी कैमरा सहित अन्य पुलिस वलों की व्यवस्था की गई है । किसी तरह की अनहोनी से बचने के लिए फायर ब्रिगेड कि टीम और क्विक रिस्पांस टीम को एक्टिव कर दिया गया है । मुजफ्फरपुर की पुलिस पूजा के सफल आयोजन के लिए हाई अलर्ट पर है।