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नकली कोरोना वैक्सीन से हो जाएं सावधान, अब तक 2400 डोज जब्त

नकली कोरोना वैक्सीन से हो जाएं सावधान, अब तक 2400 डोज जब्त

डेस्क... खबर कोरोना वैक्सीन को लेकर है जहां वैश्विक पुलिस एजेंसी इंटरपोल के अनुसार कुछ संगठित अपराधी गिरोह फर्जी वैक्सीन का अवैध कारोबार चलाकर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं. इंटरपोल अपराध की इस समानांतर महामारी की एक साल से छानबीन कर रही है. एजेंसी के महासचिव जुर्गेन स्टॉक ने बताया कि उन्होंने पहले कभी अपराधिक गुटों को इतनी सावधानी से किसी संकट में पैसा कमाते नहीं पाया है. ये गिरोह दुनियाभर में वायरस से फायदा उठा रहे हैं. एजेंसी के जांच अभियानों के प्रमुख स्टॉक ने टाइम मैग्जीन को एक इंटरव्यू में बताया कि अपराधी असली वैक्सीन चुराकर उन्हें बेचने की कोशिश में लगे हैं या नकली वैक्सीन बाजार में बेच रहे हैं. लेकिन, इंटरपोल को कुछ नकली वैक्सीनों की ऑनलाइन बिक्री और अभी हाल में कुछ तस्कर गिरोहों के माध्यम से दूसरे देशों में सप्लाई की जानकारी मिली है. इंटरपोल ने पिछले सप्ताह नकली वैक्सीनों की सप्लाई के पहले मामले की जानकारी दी थी. इस मामले में चीन में एक संगठित गिरोह ने दक्षिण अफ्रीका को भेजी जाने वाली वैक्सीनों में सेलाइन का सॉल्यूशन भर रखा था. इन्हें वैक्सीनों के नाम से बेचने की योजना थी. 

स्थानीय पुलिस और इंटरपोल के एजेंटों ने बताया कि 80 से अधिक व्यक्ति पकड़े गए हैं. अधिकतर गिरफ्तारियां चीन में हुई हैं. नकली वैक्सीन के 2400 डोज जब्त हुए हैं. स्टॉक का अनुमान इस साल जब देशों द्वारा यात्रा और या काम पर वापसी के लिए वैक्सीनेशन पासपोर्ट की शुरुआत की जाएगी तब धोखाधड़ी बढ़ने की आशंका है. वे कहते हैं, डार्क वेब पर ऐसी सेवाएं उपलब्ध हैं. ध्यान रहे महामारी के शुरुआती दिनों में ऐसे गिरोहों ने अस्पतालों, लेबोरेटरीज, स्थानीय सरकारों पर साइबर हमले किए थे. 

इनके कंप्यूटर की हैकिंग खत्म करने के लिए फिरौती की रकम मांगी गई थी. इटली में नद्रनगेटा अपराधी परिवार जैसे पुराने अपराधी गिरोहों ने महामारी की स्थिति से फायदा उठाया है. स्टॉक बताते हैं, उन्होंने पिछले एक साल में गौर किया है कि ये गुट एक-दूसरे से तेजी से सीखते हैं. आज विश्व के किसी हिस्से में यदि कुछ हो रहा होगा तो कल वह दुनियाभर में फैल जाएगा. लिक्विड गोल्ड है वायरस की वैक्सीन लियोन, फ्रांस में इंटरपोल के मुख्यालय से जर्गेन स्टॉक ने फोन पर बताया, नकली दवाइयों के पहले से चल रहे कारोबार ने ऐसे अभियान के लिए ढांचा मुहैया कराया है. महामारी की शुरुआत में अपराधी गिरोहों का ध्यान नकली मास्क, डिसइंफेक्टेंट और कोविड-19 के टेस्टिंग किट पर था. अब उनकी नजर वैक्सीनों की कालाबाजारी पर है. स्टॉक कहते हैं, 2021 में लिक्विड गोल्ड तो वैक्सीन है. अपराधियों ने सप्लाई चेनों को निशाना बनाया है. कालाबाजारी के अवैध कारोबार के निशाने पर सरकारी एजेंसियां और सामान्य खरीदार हो सकते हैं. जिन देशों में स्वास्थ्य सेवाओं का ढांचा कमजोर है, वे अपराधियों के आसान शिकार होंगे. भारत में अब तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है. 



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