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NATIONAL NEWS: दो देशों के बीच का विवाद खेलों तक पहुंचा, इंग्लैंड के नाम वापस लेने के बाद हॉकी टीम कामनवेल्थ गेम्स से हटी

NATIONAL NEWS: दो देशों के बीच का विवाद खेलों तक पहुंचा, इंग्लैंड के नाम वापस लेने के बाद हॉकी टीम कामनवेल्थ गेम्स से हटी

N4N DESK: भारत में भले ही कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम हो गया हो, मगर अन्य देश अब भी इससे दो-दो हाथ कर रहे हैं। कई देशों में तो कोरोना की तीसरी लहर भी आ चुकी है। इसी बीच कोरोना टीके और क्वारेंटीन नियम को लेकर भारत और इंग्लैंड के बीच चली आ रही तनातनी अब खेलों में भी दिखने लगी है।

पहले जहां कोरोना संक्रमण और अन्य नियमों का हवाला देते हुए इंग्लैंड ने इस साल नवंबर-दिसंबर में भुवनेश्वर में होने वाले जूनियर वर्ल्ड से नाम वापस ले लिया था। इसी के बाद हॉकी इंडिया ने अगले साल जुलाई-अगस्त में इंग्लैंड के बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए दोनों ही टीमें ना भेजने का फैसला लिया है। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोबम ने महासंघ के फैसले से भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को अवगत करा दिया है।

हॉकी इंडिया ने कहा है कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों (28 जुलाई से 8 अगस्त) और हांग्झू एशियाई खेलों (10 से 25 सितंबर) के बीच सिर्फ 32 दिन का अंतर है और वे अपने खिलाड़ियों को ब्रिटेन भेजकर जोखिम नहीं उठाना चाहता, जो कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में शामिल रहा है। निंगोबम ने लिखा, ‘एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए महाद्वीपीय क्वालिफिकेशन प्रतियोगिता है और एशियाई खेलों की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए हॉकी इंडियाकॉमनवेल्थ गेम्सके दौरान भारतीय टीमों के किसी खिलाड़ी के कोविड-19 संक्रमित होने का जोखिम नहीं ले सकता।’विदित हो कि ब्रिटेन ने देश के यात्रियों के प्रति ब्रिटेन के भेदभावपूर्ण क्वारंटाइननियम बना रखे हैं। यह किसी अन्य देश के यात्रियों के लिए नहीं है। भारत के प्रति ब्रिटेन के दोहरे रवैए को भी इस निर्णय के पीछे अहम माना जा रहा है। ब्रिटेन ने एक दिन पहले भारत में अगले साल होने वाले जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप से हटने का फैसला किया था। भारत का फैसला इसका जवाब माना जा रहा है। हालांकि इसका एक पहलू यह भी है कि यदि दोनों देशों के बीच का खींचतान लंबा चला तो इसका असर कई खेलों पर पड़ेगा।

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