नवादा कोर्ट ने हत्या मामले में तीन दशक बाद सुनाई सजा, दो आरोपियों को मिली आजीवन कारावास

NAWADA : हत्या मामले में दो आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुरूषोत्तम मिश्र ने शुक्रवार को यह सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में कौआकोल थाना क्षेत्र के रूपी ग्राम निवासी प्रयाग महतो तथा आनन्दी महतो को सजा सुनाया गया है। घटना 15 मई 1992 की बतायी जाती है।
प्रभारी लोक अभियोजक मो तारिक ने अदालत में अभियोजन का पक्ष रखा तथा गवाहों का बयान दर्ज कराया। प्राप्त जानकारी के अनुसार कौआकोल थाना क्षेत्र के बुकार गांव निवासी मो अब्दुल सुभान तथा मो ईरफान जूरी गांव निवासी के अब्दुल सलाम के घर शादी के न्योेता में गए हुए थे। लौटने के क्रम में कमला बाला नदी पार कर दक्षिण नीम के पेड़ के पास पहुंचे, तभी पूर्व से घात लगाए प्रयाग महतो, आनन्दी महतो के साथ अन्य लोगों ने घेर कर मो अब्दुल सुभान को पकड़ लिया। जबकि इरफान भाग निकला।
तभी अभियुक्तो ने अब्दुल सुभान को गड़ासा से सर पर गंभीर रूप से जख्मी करते हुए नदी की ओर लेकर चले गए, जहां उसकी मौत हो गई। इसी क्रम में मो ताहीर ने नदी में पिता अब्दुल सुभान को खून से लथपथ मृत अवस्था में देखा। घटना के बावत मृतक के पुत्र मो ताहीर के द्वारा कौआकोल पुलिस के समक्ष दिये गए बयान के आधार पर कांड अंकित किया गया।
गवाहों के द्वारा अदालत मे दिए गए बयान के आधार पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों को हत्या के आरोप में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाने के बाद दोनों अभियुक्तों को कड़ी सुरक्षा के बीच मंडल कारा भेज दिया गया।
नवादा से अमन सिन्हा की रिपोर्ट