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नवादा के अभ्रक खदान में मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने शव सौंपने से किया इनकार, बैरंग लौटी पुलिस

नवादा के अभ्रक खदान में मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने शव सौंपने से किया इनकार, बैरंग लौटी पुलिस

नवादा : जिले के रजौली के कोरैया अभ्रक खदान का चाल धंसने से मजदूर शुकर सिंह की मौत मामले की जांच करने रजौली थाना की पुलिस बुढि़यासाख गांव पहुंची। घर में मृतक का शव देख पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराना चाहा, लेकिन परिजनों ने पुलिस को शव सौंपने से इनकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस बैरंग वापस लौट गई.

माना जा रहा है कि अभ्रक माफिया के खौफ के चलते परिजनों ने शव सौंपने से इनकार किया है. वैसे यह पहला अवसर है जब पुलिस शव तक पहुंच सकी थी. इसके पूर्व पुलिस के पहुंचने से पहले ही शव को या तो मलबे में ही दफन कर दिया जाता था या परिजन अंतिम संस्कार कर देते थे.

बता दें कि बुढि़यासाख जंगल स्थित अवैध अभ्रक खनन के दौरान खदान का चाल धंस गया था। जिसमें शंकर सिंह की मौत हो गई थी, जबकि कुछ मजदूर जख्मी हो गए थे. घायलों को इलाज के लिए कोडरमा के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था. घटना के मामले की जांच करने एएसआइ कमलेश कुमार सिंह एसटीएफ जवानों के साथ बुढि़यासांख गांव पहुंचे थे, जिसमें मृतक के शव पर नजर पड़ी. एएसआइ ने शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए रजौली थाना लाने का प्रयास किया, लेकिन मृतक के परिजनों ने शव सौंपने से इंकार कर दिया। मृतक की पत्नी शांति देवी ने लिखित दिया कि घटना को लेकर वह कोई शिकायत या प्राथमिकी दर्ज नहीं कराना चाहती है.जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई. बता दें कि मृतक करम सिंह का इकलौता पुत्र था और वहीं परिवार का कमाउ सदस्य था.

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