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नवाजुद्दीन सिद्दीकी जब एक सीन के लिए 18- 18 घंटे लगाते थे

नवाजुद्दीन सिद्दीकी जब एक सीन के लिए 18- 18 घंटे लगाते थे

N4N DESK: फिल्म के उस सीन को शायद ही कोई भूल सकता है. जब फिल्म के एक सीन में मां अपने बेटे से बोलती है कब खून खौलेगा रे तेरा? कब बदला लेगा अपने बाप-भाई का. तब उस लड़के का जवाब होता है. बाप का, दादा का, भाई का सबका बदला लेगा रे, तेरा फैजल. उसी अभिनेता ने एक दूसरे फिल्म में जब कहा जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं. और फिल्म के उस सीन से सिनेमा हॉल में बैठे लोगों के शरीर में सिहरन पैदा हो गई. जी हां हम बात कर रहे हैं फिल्मी दुनिया के उस फैजल की, उस मांझी की जिसके किरदार और संवाद अदायगी पर हर कोई फिदा है.

  गांव से शहर का सफर

नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक किसान के परिवार आते है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में नवाजुद्दीन सिद्दीकी का जन्म हुआ था. 9 भाई बहनों के बीच नवाज सबसे बड़े हैं.  नवाज पूरे साल पैसे जुटाते थे और ईद या दिवाली के समय शहर जाकर फिल्म देखते थे. नवाज शुरु से ही अपने गांव से शहर जाना चाहते थे. वजह यह थी कि गांव में माहौल ठीक नहीं था. माहौल अच्छा ना होने की वजह से वह हरिद्वार चले गए. नवाजुद्दीन ने गुरूकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी, हरिद्वार, उतराखंड से केमिस्ट्री में बीएससी की पढ़ाई पूरी की. उसके बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी वडोदरा, गुजरात में एक बड़ी कंपनी में बतौर केमिस्ट काम करने लगे.

केमिस्ट से बॉलीवुड के लीड एक्टर बनने का सफर

केमिस्ट के कंपनी में काम में उनका मन नहीं लगता था मगर पैसे के लिए कुछ ना कुछ तो करना पड़ता. एक दिन उनके दोस्त ने उन्हें एक गुजराती नाटक दिखाया. जिसे देख कर उन्हें मजा आ गया और उनके अंदर से ऐसी अनुभूति हुई कि शायद यही वह काम है, जिसके लिए वह पैदा हुए हैं! लेकिन वह समझ नहीं पा रहे थे कि शुरुआत कहां से की जाए. बाद में सिद्दीकी ने केमिस्ट का काम छोड़ दिल्ली के नेशनल स्कूरल ऑफ ड्रामा से थियेटर में अपना 4 साल का कोर्स पूरा किया. नवाजुद्दीन सिद्दीकी एनएसडी में अपने एक्टिंग पर काम करने के लिए एक सीन पर 18- 18 घंटे काम करते थे. कोर्स पूरा करने के बाद छोटे छोटे रोल तो प्ले किए, मगर पैसे कम मिलने के कारण यह नाटक रास नहीं आया. बाद में वो मुंबई आ गए. अपनी सीवी लेकर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर के दफ्तर चक्कर काटने लगे. कहीं जाते तो पूछा जाता, क्या काम है? तो नवाज़ुद्दीन जवाब देते कहते, एक्टर हूं. फिर सवाल होता लगते तो नहीं हो? फिर नवाज़ुद्दीन कहते, कुछ कर के दिखाऊं? और फिर वो वहीं पर कुछ एक्टिंग करके दिखाते. बाद में छोटे से टीवी सीरीयल में काम मिल गया. कम पैसे की वजह से एनएसडी के एक सीनियर से मदद लेकर एक वॉचमैन की नौकरी शुरू कर दी. दिन में नौकरी करते शाम में एक्टिंग प्ले करते. एक एक्टिंग के दौरान अनुराग कश्यप ने नवाजुद्दीन सिद्दीकी से प्रभावित हो कर साइड एक्टर से हीरो बना दिया.

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