एनडीए की बैठक आज, आमने- सामने बैठेंगे चाचा- भतीजा, क्या बिगड़े रिश्ते बनेंगे

NEW DELHI : दिल्ली में एनडीए की बैठक से ठीक एक दिन पहले सोमवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो गए. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। बिहार में बढ़ते राजनीतिक तापमान के हिसाब से यह एक बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, लेकिन अब सांसद चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को एनडीए खेमे में बनाए रखना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है. दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद चाचा- भतीजा के बीच उनकी ही पार्टी दो गुटों में बंट चुकी है और दोनों किसी भी हाल में समझौते को तैयार नहीं हैं।

रामविलास पासवान के नेतृत्व में लोजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी. उनके निधन के बाद लोजपा के छह में से पांच सांसदों के साथ दो वर्ष पहले चिराग के सगे चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने अपना अलग गुट बना लिया था।

अब चिराग चाहते हैं कि पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा उनके साथ उसी पुरानी व्यवस्था पर कायम रहे. जमुई सांसद चिराग 2024 में हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. चिराग न सिर्फ अपने चाचा पशुपति पारस बल्कि उनके साथ गए चार सांसदों को भी सबक सिखाना चाह रहे हैं.

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उधर, चाचा पारस को भी रामविलास पासवान की पारंपरिक सीट हाजीपुर ही चाहिए, जहां से फिलहाल वो सांसद हैं. पारस अपने साथ के चार सांसदों की सुरक्षा भी चाह रहे हैं. दोनों चाचा- भतीजा अपनी मांग पर कायम हैं और माना जा रहा है कि चाचा- भतीजे के साथ भाजपा की अलग से बैठक होगी और उनके बीच के मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

आज दिल्ली में चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस का आमना- सामना होने वाला है. प्रस्तावित एनडीए की बैठक में दोनों नेता शामिल होने वाले हैं. इससे एक दिन पहले अमित शाह से चिराग की मुलाकात को चाचा- भतीजे के मतभेद सुलझाने की दिशा में अहम कड़ी माना जा रहा है