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भारत को मिला अचूक हथियार,कांपा पाकिस्तान,अब सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना नहीं यह ड्रोन ही काफी..इसी तरह के ड्रोन ने अल कायदा चीफ की जान ली थी...

भारत को मिला अचूक हथियार,कांपा पाकिस्तान,अब सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना नहीं यह ड्रोन ही काफी..इसी तरह के ड्रोन ने अल कायदा चीफ की जान ली थी...

दिल्ली-  भारतीय सेनाएं अगर  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को खत्म करना चाहें तो वहां सेना के घुसकर ऑपरेशन करने की आवश्यकता नहीं होगी. अमेरिका ने जिस तरह ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी और दुनिया के कई दूसरे देशों में अपने दुश्मनों को ढेर किया था, अब भारतीय वायुसेना के पास भी एक ऐसा हथियार आ गया है, जिसका नाम है हेरोन ड्रोन मार्क-2. इजरायल से लिए गये हैं.बता दें चीन के साथ पिछले साल चल रहे सीमा विवाद के वक्त भारतीय सेना को इजरायल ने ये ड्रोन्स दिए हैं. जिनके कैमरे, सेंसर्स और राडार किसी बाज की नजरों की तरह तेज हैं,इन्हें लद्दाख सेक्टर तैनात किया गया था  ड्रोन्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमरजेंसी फाइनेंसियल पावर के तहत मंगाया गया है ताकि देश की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता न किया जाए.  

भारतीय वायुसेना में शामिल

 हेरोन ड्रोन मार्क-2 मिलने से भारत रक्षा के क्षेत्र में मजबूत हुआ है. क्योकि हेरोन ड्रोन  में थर्मोग्राफिक कैमरा, एयरबॉर्न सर्विलांस विजिबल लाइट, राडार सिस्टम आदि लगा होता है. यह अपने बेस से उड़कर खुद ही मिशन पूरा करके बेस पर लौट आता है. हेरोन ड्रोन्स को लेज़र गाइडेड बम, हवा से जमीन, हवा से हवा और हवा से एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस किया जाना है.हेरोन ड्रोन मार्क-2 को हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है. जरुरत पड़ने पर दुश्मन के खिलाफ आक्रामक हमला करने के लिए   तीनों सेनाओं के लिए तैयार किया जाएगा. हेरोन ड्रोन मार्क-2 सैटेलाइट से नियंत्रित होने वाला ड्रोन है जो 250 किलोग्राम हथियार लेकर उड़ सकता है. 

दुश्मन को खाक में मिला देगा ये ड्रोन

 दुश्मन को खाक में मिला देने वाला हेरोन ड्रोन एक बार हवा में उठा तो 36 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है और यह जमीन से 35 हजार फीट यानी साढ़े दस किलोमीटर की ऊंचाई पर बेहद शांति से उड़ता है. हेरोन ड्रोन मार्क-2  को नियंत्रित करने के लिए जमीन पर एक ग्राउंड स्टेशन बनाया जाता है, जिसमें मैन्युअल और ऑटोमैटिक कंट्रोल सिस्टम होता है.  ड्रोन किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है. इसके कम्यूनिकेशन सिस्टम सीधे तौर पर ग्राउंड स्टेशन से संपर्क में तो रहते ही है.विजिबल लाइट एयरबॉर्न ग्राउंड सर्विलांस जो दिन की रोशनी में तस्वीरें लेता है. साथ ही इंटेलिजेंस सिस्टम्स समेत कई तरह के राडार सिस्टम लगे है.

अंधेरे में शत्रु पर रखता है नजर

हेरोन ड्रोन में कई तरह के सेंसर्स और कैमरा लगे हैं, जैसे- थर्मोग्राफिक कैमरा यानी इंफ्रारेड कैमरा जो रात में या अंधेरे में देखने में मदद करते हैं. हेरोन ड्रोन्स की सबसे बड़ी खासियत है कि आसमान से ही लक्ष्य को लॉक करके उसकी सटीक टैंक या इंफ्रारेड सीकर मिसाइल को दे सकता है, सीमा के इस पास से ड्रोन से मिले सटीक लक्ष्य पर हमला किया जा सकता है. भारत के लिए ये सबसे मजबूत हथियार होगा. क्योकि हेरोन ड्रोन्स चीन की सेना लद्दाख सीमा के इस पार या उस पार भारत के खिलाफ  कोई हरकत करेगी तो तुरंत पता चल जाएगा. 

समुद्र के अंदर भी दुश्मन का करेगा पीछा

इस ड्रोन की मदद से समुद्र के अंदर भी झांका जा सकता है. यह पानी की गहराई में मौजूद पनडुब्बियों पर भी कड़ी नजर रख सकती है. साथ ही इसके थर्मल सेंसर कैमरा कैमरा रात के अंधेरे में होने वाले इंसानी मूवमेंट को पकड़ सकते हैं. यानी हेरोन ड्रोन मार्क-2 की नजरों से अब दुश्मन का बचना मुख्कूल हीं नहीं नामुमकीन होगा.

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