PATNA : लैंड फॉर जॉब स्कैम में बीते बुधवार को कोर्ट ने भले ही अगली तारीख देकर तेजस्वी यादव को राहत दे दी हो, लेकिन इसके बाद भी उनकी मुसीबतें कम नहीं हुई है। मानहानी के मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव पर अहमदाबाद की जिला अदालत ने समन जारी करने को लेकर इस महीने के आखिरी सप्ताह तक के लिए अपना आदेश सुरक्षित रख लिया
अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट डीजे परमार की अदालत ने मंगलवार को कहा कि वह 28 अगस्त को इस पर आदेश पारित करेगी कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ आपराधिक मानहानि के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत दर्ज मामले में उन्हें समन जारी करे या नहीं.
अदालत ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है, ताकि यह तय किया जा सके कि अहमदाबाद के सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी हरेश मेहता की शिकायत के आधार पर बिहार के उपमुख्यमंत्री को समन जारी किया जाए या नहीं. हरेश मेहता ने 21 मार्च को पटना में मीडिया के सामने दिए गए तेजस्वी प्रसाद यादव के बयान के ‘सबूत’ के साथ अदालत में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी.
तेजस्वी ने कहा क्या था
हरेश मेहता ने आरोप लगाया था कि पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुजरातियों को ठग कहा था. बिहार के उपमुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा था कि वर्तमान में जो स्थिति है, उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उन्हें माफ भी कर दिया जाता है. यह बात उन्होंने तब कही जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल की रेड नोटिस से हटा दिया गया था