NFDP की चुनाव आयोग से मांग, कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए चुनाव पर तत्काल लगे रोक

PATNA : कोरोना संकट के बीच बिहार में विधान सभा चुनाव को लेकर शुरु हुई सरगर्मी को लेकर नेशन फर्स्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ने विरोध जताया है। पार्टी ने चुनाव आयोग और राज्य सरकार से तत्काल इसपर रोक लगाए जाने की मांग की है।   आज रविवार 28 जून को पार्टी के बिहार प्रदेश इकाई की तरफ़ से कोरोना काल में बिहार में चुनाव रोकने हेतु मीठापुर, पटना में विरोध सभा का आयोजन किया गया। इस विरोध सभा में बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन की अगुवाई में एनएफडीपी के पंचायत, प्रखंड, ज़िला तथा प्र्रदेश स्तर के पदाधिकारी तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। 

इस दौरान बिहार में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के कारण भयभीत जनता तथा लॉक डाउन की वजह से जनता के बीच उत्पन्न हुई तंगहाली और बेरोजगारी को नजरंदाज कर बिहार में की जा रही चुनावी तैयारी का जमकर विरोध किया गया। वहीं चुनाव आयोग और बिहार सरकार से इस भय और संकट के माहौल में चुनाव की तैयारी को अविलंब रोकने की मांग की गई।

एनएफडीपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरफ जहां बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और लोग इसकी चपेट में आ रहे है। इस वायरस से मरने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण जनता के बीच भय का माहौल है, रोजी-रोजगार सब चौपट हो चुका है, लोगों को घर-परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। गरीब तथा मध्यमवर्गीय परिवारों को बीमारी और भूखमरी की दोतरफा मार झेलनी पड़ रही है। वहीं बिहार की वर्तमान एनडीए की सरकार जिसके मुखिया नीतीश कुमार तथा सुशील मोदी सहित बिहार सरकार को पूरे कुनबे का चुनावी तैयारी में मशगूल हो जाना यह साबित करता है कि बिहार में वर्तमान में एक बहुत ही असंवेदनशील सरकार है जिसे जनता के हितों तथा दुख-दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। बस मतलब है किसी तरह पांच साल के लिए फिर से राजसिंहासन हासिल हो जाए। 

राजीव रंजन ने आगे कहा कि जहां इस आपदा के समय सरकार को जनता को कोरोना बीमारी से बचाने के लिए तेजी से अधिक से अधिक लोगों का जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए था ताकि कोरोना संक्रमण को जनता के बीच फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य संसाधनों,कर्मियों तथा डांक्टरों की उपलब्धता को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर बिहार में उपलब्ध सभी स्तर के अस्पतालों में तेजी से बढा़ना चाहिए था वहीं सरकार इन सभी चीजों को नजरंदाज कर चुनाव की तैयारी में मशगूल होकर जनता के प्रति जिम्मेदारियों से भाग रही है। जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। 

उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सुशील मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि इस विकट समय चुनाव के विषय में सोचना और चुनाव की तैयारी करना इनके असली चाल चरित्र पेश करता राजीव रंजन ने कड़ी शब्दों में बिहार सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अविलंब चुनाव आयोग को बिहार में इस आपदा काल में की जा रही चुनावी तैयारी पर रोक लगाने हेतु पत्र लिखे और जनता को कोरोना तथा इससे उत्पन्न आर्थिक संकट से निजात दिलाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य प्रारंभ करे। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो एनएफडीपी आगे और तेज आंदोलन करेगी।