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पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर पटना हाई कोर्ट में एनएचएआई ने स्थिति की स्पष्ट ,16 फरवरी, 2024 को फिर होगी सुनवाई

पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर पटना हाई कोर्ट में एनएचएआई ने स्थिति की स्पष्ट ,16 फरवरी, 2024 को फिर होगी सुनवाई

पटना हाइकोर्ट ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने प्रतिज्ञान नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट में  एनएचएआई ने स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब दायर कर दिया है।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एन एच ए आई  को स्थिति स्पष्ट करने के लिए 19 जनवरी,2024 तक के लिए मोहल्लत दी थी।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया था कि सड़क  निर्माण में  आ रही बाधाओं को दूर करें।इससे पूर्व एन एच ए आई ने हलफ़नामा दायर कर धनराशि व्यय किये जाने का ब्यौरा   डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडर (डी एफ सी) के अधिकारियों को दे दिया था। 

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण का 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है ,लेकिन लिंक रोड़ नहीं बनने के कारण वहां लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है ।उन्होंने कहा कि जितने दूर तक सड़क निर्माण हो चुका है,उतने दूर तक आवागमन की व्यवस्था कर दी जाये।पिछली सुनवाईयों  में  कोर्ट ने एन एच सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था कि इस एन एच खंड का कार्य कब तक पूरा होगा।कोर्ट ने इस एन एच  का निर्माण कर रही कंपनी को फेज 1,फेज 2 और फेज 3 में  किये जा रहे कार्यों का प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

पूर्व की सुनवाई में भी  कोर्ट ने निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा था कि इसका निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा।उस समय कोर्ट को ये आश्वासन दिया गया था कि 30 जून,2023 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा।लेकिन अभी भी निर्माण कार्य चल ही रहा है।पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि पटना के समीप नाथूपुरा और सरिस्ताबाद के बीच  सड़क निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर 11जुलाई,2023 को जारी किया जायेगा।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है, ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है।उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत हैं।इस मामलें पर अगली सुनवाई 16 फरवरी, 2024 को की जाएगी।

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