निजी जमीन पर लगवाएं पौधा: अगले 5 साल तक हर महीने में 8 दिन के काम का मिलेगा 'पैसा'

PATNA : बढ़ते पर्यावरणीय प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्त्तन को ध्यान में रखकर बिहार सरकार वन एवं हरित आच्छादन को बढ़ाने हेतु लगातार प्रयासरत है, इसमें ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित मनरेगा योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा योजना के तहत 2 करोड़ पौधा लगाने का लक्ष्य ग्रामीण विकास विभाग ने रखा है एवं इसकी तैयारी विभाग द्वारा जोर-शोर से शुरू की जा चुकी है। ये बातें बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने चर्चा के दौरान बतायी।
मंत्री कुमार ने बताया कि मनरेगा के तहत सामाजिक वानिकी योजना अन्तर्गंत राज्य के सभी 38 जिलों के सभी ग्राम पंचायतों में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाकर इस वित्तीय वर्ष में 2 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें 1 करोड़ 50 लाख काष्ठ पौधे एवं 50 लाख फलदार पौधे शामिल हैं। इस योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग की सड़को के किनारे वृक्षारोपण, जल सरंक्षण/संचयन संरचनाओं के किनारे वृक्षारोपण एवं निजी भूमि पर वृक्षारोपण पर फोकस किया जाएगा। विगत वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना के तहत 1 करोड़ 20 लाख पौधे लगाए गए थे।
विभागीय मंत्री श्रवण कुमार ने निजी भूमि पर वृक्षारोपण की चर्चा करते हुए बताया कि निजी भूमि पर काष्ठ अथवा फलदार दोनों पौधे लगाए जा सकते हैं। फलदार पौधों में आम, लीची, जामुन, कटहल, आंवला, बेल, नींबू, अमरूद आदि का चयन स्थल विशेष की जलवायु एवं मिट्टी के आधार पर किया जा सकता है। निजी भूमि पर लगाये जाने वाले पौधों से प्राप्त लकड़ी एवं फल पर भूमि मालिक का ही हक होगा। एक परिवार के पास 200 पौधों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने पर 2 से 3 परिवारों को 1 इकाई यानी 200 पौधे लगाये जाने का प्रावधान मनरेगा योजना में किया गया है ताकि छोटे किसानों को भी इसका लाभ मिल सके। अनुमान्य श्रेणी के व्यक्तियों के निजी भूमि पर लगाये गये पौधों की सुरक्षा हेतु गेबियन के साथ ही सिंचाई हेतु चापाकल अथवा ट्राली से पटवन की सुविधा भी प्रदान की जाती है। निजी भूमि के मामले में यदि दो इकाई के क्लस्टर 200 मीटर की दूरी के अन्दर उपलब्ध हो तो उन दो इकाईयों के लिए एक चापाकल का प्रावधान किया जा सकता है। निजी भूमि पर क्लस्टर की अनुपलब्धता की स्थिति में एक इकाई पर भी एक चापाकल का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त पौधों की देखभाल हेतु वनपोषकों की मजदूरी भुगतान का प्रावधान है। लाभुक/लाभुकों को निजी भूमि पर लगाये गये एक इकाई पौधों की देख-रेख हेतु वृक्षारोपण वर्ष से अगले पाँच वर्ष तक प्रतिमाह 8 मानव दिवस की मजदूरी मनरेगा योजना से दिया जाता है।
मंत्री कुमार ने वर्त्तमान वित्तीय वर्ष की चर्चा करते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में पौधारोपण हेतु अबतक 30 हजार 586 योजनाऍ तैयार हैं जिसमें निजी योजनाऍ 16 हजार 852 ,सड़क के किनारे 830 योजनाऍ, जल संरचनाओं के किनारे 1 हजार 648 योजनाऍ तथा अन्य 1 हजार 856 योजनाऍ शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार राज्य में 33 प्रतिशत हरित आवरण के लक्ष्य प्राप्त होने तक वृक्षारोपण की योजनाओं पर लगातार काम करते रहेगी।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट