मुआवजा के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रही है नीतीश सरकार, जहरीली शराब से मौत मामले में भाजपा ने घेरा

पटना. जहरीली शराब से मोतिहारी में हुई मौत मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुआवजा जारी करने का ऐलान लोगों को मूर्ख बनाना है. बिहार की महागठबंधन सरकार पर यह हमला भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक मनोज शर्मा ने किया है. उन्होंने कहा कि मुआवजा के नाम पर बिहार के लोगों को नीतीश सरकार मूर्ख बना रही है.
उन्होंने कहा, बिहार सरकार किसे बेवकूफ बना रही है? नीतीश सरकार ने बिहार की जनता को मूर्ख समझ रखा है क्या? एक तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हठधर्मिता के कारण बिहार के मासूम लोगों की जान जा रही है। पहले तो जहरीली शराब की वजह से हजारों परिवार बर्बाद हो गए। भारतीय जनता पार्टी की मांग पर मुवावजा देने का एलान भी किया गया तो कई तरह के पेंच लगा दिए गए। ताकि पीड़ित परिवार तक मुवावजा की राशि पहुंचे ही नही!
उन्होंने कहा कि सीधा सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से है। सरकार ने शर्त रखा है कि शराब कहां से ली? शराब बेचने वाले का नाम और पता बताना बताना होगा, सभी सवालों का जबाब परिजनों को बताना होगा। मुख्यमंत्री ये बताएं कि जो व्यक्ति शराब पीने जाता है तो वो क्या घर मे बता कर जाता है? क्या वो कहकर जाएगा कि वो जहां जा रहा है वहां जहरीली शराब मिलती है। परिजनों से ये सवाल पूछना पूरी तरह बेतुका है और बेवजह है। इससे मंशा साफ होती है सरकार मुवावजा देने नही जा रही है।
दूसरी बात, यदि परिजनों को ये पता भी हो कि उसके परिवार ने कहां शराब पी है और वो प्रशासन को बता भी देगा तो पीड़ित परिवार की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा? क्यों कि शराब माफिया तो दबंग और बाहुबली होते है। पीड़ित परिवार के जानपर आफत आ जायेगी। इस शर्त में तो सरकार माफियाओं को शह भी दे रही है कि यदि शराब माफियाओं की जहरीली शराब से कोई मरे तो पीड़ित परिवार को सरकार से ज्यादा राशि देकर मुँह बंद करा दें।
मनोज शर्मा ने कहा कि नीतीश सरकार चार लाख का मुवावजा देकर अपने समर्थन में लोगों को खड़ा करना चाह रही है। सरकार ये बताएं कि शराबबन्दी से उसके परिवार में किसी का निधन हुआ हो तो, कैसे कहेगा कि शराबबन्दी अच्छी चीज है। भले प्रशासन जबर्दस्ती ये लिखवा ले कि शराबबन्दी अच्छी चीज है लेकिन, ये भी सच है उसके परिवार जान इसी शराबबन्दी से गई है और वो जीवनपर्यंत शराबबन्दी को कोसेगा। इसलिए मुख्यमंत्री, लोगों को मूर्ख बनाना छोड़िए, यदि लोगों को मुवावजा देना चाहते है तो खुले मन से अपना दोष स्वीकार करके उन्हें मुवावजा दीजिये।