बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

नीतीश सरकार का 'दागी' अफसर प्रेम ! हुजूर...भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की आपकी नीति सिर्फ दिखावा है ? आय से अधिक संपत्ति केस के आरोपी को फिर से फील्ड पोस्टिंग देने पर जांच एजेंसियां हैरान, ऐसे ही दूसरे केस में CM सचिवालय ने तुरंत लिया था संज्ञान

नीतीश सरकार का 'दागी' अफसर प्रेम ! हुजूर...भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की आपकी नीति सिर्फ दिखावा  है ? आय से अधिक संपत्ति केस के आरोपी को फिर से फील्ड पोस्टिंग देने पर जांच एजेंसियां हैरान, ऐसे ही दूसरे केस में CM सचिवालय ने तुरंत लिया था संज्ञान

PATNA: अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपी दागी अफसर को तेजस्वी यादव के विभाग ने गुपचुप तरीके से निलंबन मुक्त कर पोस्टिंग कर दी. खुलासे के बाद नगर विकास विभाग को सांप सूंघ गया है. विभाग के आलाधिकारियों के पास जवाब नहीं है. दागी अफसर की फील्ड पोस्टिंग पर न तो नगर विकास विभाग के अधिकारी कुछ बोल रहे और न ही मुख्यमंत्री सचिवालय के हाकिम. एक दागी सरकारी सेवक (EOअनुभूति श्रीवास्तव) जिन्हें 2021 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर निलंबित किया गया, आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर पटना से लेकर यूपी तक छापेमारी की गई थी. क्लीनचिट मिले बिना वैसे अफसर को चुपचाप उसी पोस्ट पर फील्ड में भेज दिया गया. जबकि ऐसे ही आरोप में सैकड़ों अफसर अभी तक सड़कों पर हैं. डीए केस में कुछ दागियों ने पहले भी चुपचाप तरीके से फील्ड पोस्टिंग लेने की कोशिश की, जैसे ही खबर मीडिया में आई, मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और विभाग को आदेश रद्द करना पड़ा था. लेकिन इस बड़े मामले में ऐसा नहीं हो रहा. 

जांच एजेंसियां भी अवाक

नगर विकास विभाग द्वारा डीए व भ्रष्टाचार केस के आरोपी नगरपरिषद ईओ अनुभूति श्रीवास्तव को फिर से फील्ड पोस्टिंग देने के इस खेल से जांच एजेंसियां भी अवाक है. बड़ा सवाल यही है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भ्रष्टाचार और दागी अफसरों को लेकर जो रूख था उसमें बदलाव हो गया ? सुशासन राज में अब भ्रष्टाचार करना अपराध नहीं बल्कि योग्यता है ? क्या वैसे कुछ खास दागी अफसरों पर प्रेम उमड़ गया है ? या फिर बिहार में दागी शब्द का कोई मतलब नहीं रहा ? अगर मतलब नहीं तो फिर निगरानी,आर्थिक अपराध इकाई और विशेष निगरानी इकाई जैसी एजेंसियों का क्या मतलब ? जांच एजेंसियां धनकुबेर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करती हैं और वही अफसर चैलेंज देकर फिर से फील्ड पोस्टिंग ले लेता है. हमने इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए नगर विकास विभाग से लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय के हाकिमों से संपर्क किया. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को फोन किया. उन्हें मैसेज भेजकर पूछा- जिस अफसर को मुख्यमंत्री के आदेश पर निलंबित किया गया, अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में डीए केस दर्ज कर विशेष निगरानी इकाई की छापेमारी की गई..क्या उन्हें क्लीनचिट मिल गया जो फिर से फील्ड पोस्टिंग यानि रक्सौल नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी बना दिया गया ? लेकिन इस गंभीर सवाल का कोई जवाब नहीं मिला. हमने मुख्यमंत्री सचिवालय के हाकिम से भी इस मामले में जानकारी चाही. क्यों कि न्यूज4नेशन ने परिवहन विभाग के एक दागी सरकारी सेवक की फील्ड पोस्टिंग का खुलासा किया था, तब सीएम सचिवालय ने संज्ञान लिया था. परिणाम यह हुआ कि 24 घंटे में ही विभाग को अपना आदेश बदलना पड़ा था और उस दागी सरकारी सेवक को फील्ड से मुख्यालय बुला लिया गया था. लेकिन इस मामले में यहां से भी कोई जवाब नहीं मिला. 

अनुभूति श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री के आदेश पर किया गया था सस्पेंड

मामला नगर विकास विभाग से जुड़ा है. नगर विकास विभाग ने 22 सितंबर 2023 को पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे अनुभूति श्रीवास्तव को रक्सौल नगर परिषद का कार्यपालक पदाधिकारी के तौर पर पोस्टिंग किया है. ये वही अनुभूति श्रीवास्तव हैं जिनके खिलाफ भभुआ नपं के कार्यपालक पदाधिकारी रहते भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे. जिलाधिकारी की जांच में आरोप प्रमाणित होने के बाद भी विभाग के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. इसके बाद भभुआ के एक वार्ड पार्षद ने 16 अगस्त 2021 को सीएम नीतीश जनता दरबार में सुशासन की पोल खोल दी. सुशासन की पोल खुलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हरकत में आ गये थे। फिर क्या था..... मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तुरंत एक्शन लेने को कहा। मुख्यमंत्री का आदेश होते ही जो फाईल महीनों से दबी थी या दबा दी गई थी वह तेज रफ्तार से दौड़ने लगी। 16 अगस्त 2021 को पोल खुली और 18 अगस्त को निलंबन का आदेश जारी हो गया। इतना ही नहीं नगर विकास विभाग के उक्त विवादित अफसर के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर 1 सितंबर 2021 को ही हाजीपुर समेत पटना से लेकर यूपी तक छापेमारी की. विशेष निगरानी इकाई की जब छापेमारी हुई थी तब अनुभूति श्रीवास्तव का स्थानांंतरण हाजीपुर हो गया था. एसवीयू की छापेमारी में अकूत संपत्ति मिलने का दावा किया गया था. 

रक्सौल में पोस्टिंग के बाद फिर से हो गया नया कांड  

रक्सौल नगर परिषद में बड़ा फर्जीवाड़ा कर पौन 3 करोड़ गबन करने के प्रयास का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है की बैंक और ट्रेजरी की तत्परता से रक्सौल नगर परिषद के तीन करोड़ की राशि गबन होते होते बच गयी। रक्सौल नगर परिषद के विभागीय पोर्टल पर लॉगिन कर ओटीपी जनरेट कर करीब 2 करोड़ 62 लाख रुपए हैक करने की कोशिश की गई. यह राज तब खुला जब ओटीपी पूर्व के कार्यपालक पदाधिकारी के मोबाइल पर चला गया. जानकार बताते हैं कि देर रात राशि भुगतान को लेकर ओटीपी जाने के बाद पूर्व अधिकारी के कान खड़े हो गए. इसके बाद इसकी जानकारी नप के कुछ लोगों को हो गई. दो-तीन दिनों तक मामले को रफा दफा करने की कोशिश होती रही. लेकिन पाप छुप नहीं सका. इसके बाद नगर परिषद के कंप्यूटर ऑपरेटर अजीत श्रीवास्तव ने नगर परिषद के ही ऑपरेटर आशीष कुमार वह अज्ञात के खिलाफ मोतिहारी साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. साइबर थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है. बताया जाता है कि नगर परिषद के चार बैंक खाते से करोड़ों रू ट्रांजैक्शन का प्रयास किया गया. हालांकि यह सफल नहीं हो सका है. लेकिन एक बात तो स्पष्ट हो गई कि भ्रष्टाचार के आरोपी अफसर अनुभूति श्रीवास्तव के रक्सौल नगर परिषद के ईओ बनने के बाद एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई.

एसवीयू के अनुसंधान में है अनुभूति श्रीवास्तव का केस 

बता दें, विशेष निगरानी इकाई ने तत्कालीन ईओ अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ 31 अगस्त 2021 को पीसी एक्ट के तहत कांड संख्या 1/21 दर्ज किया था. निगरानी विभाग की तरफ से जून 2023 तक का केस अपडेट दिया गया है. जिससे यह पता चलता है कि इनके खिलाफ केस अभी अनुसंधान में है. आखिर भ्रष्टाचार के इतने बड़े आरोपी को फील्ड पोस्टिंग देने की नौबत क्यों आई ? क्या विभाग को अफसर नहीं मिल रहे थे या फिर यहां भी कोई बड़ी सेटिंग हुई है ? तभी तो डीए केस में कितने अफसर अभी भी सड़क पर हैं, विभाग के स्तर से उन्हें फील्ड में नहीं भेजा जा रहा. ऐसे में नगर विकास विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपी को फिर से फील्ड में क्यों भेजा ? ऐसा लगता है कि दागी को फील्ड में पोस्टिंग देकर नगर विकास विभाग ने अपने मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस की नीति को ही ठेंगा दिखाया है. 

Suggested News