मुसलमानों का भावनात्मक ब्लैकमेल करना बंद करे नीतीश सरकार : फज़ल इमाम मल्लिक

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PATNA : राष्ट्रीय लोक जनता दल ने नीतीश सरकार पर मुसलमानों का भावनात्मक ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है और कहा है कि महागठबंधन की सरकार ऐसा करना बंद करे और उन्हें सियासी हिस्सेदारी दे। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता फज़ल इमाम मल्लिक ने कहा कि खुद को धर्मनिरपेक्षता के ठेकेदार कहनेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सियासी वारिस उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सिर्फ मुसलमानों के वोट से मतलब है, लेकिन दोनों सियासत और सत्ता में हिस्सेदारी देना नहीं चाहते। 

मल्लिक ने कहा कि मुसलमानों को भाजपा और दंगों का डर दिखा कर उनका लगातार भावनात्मक शोषण किया जा रहा है। मल्लिक ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर भी नीतीश कुमार और उनकी सरकार मुस्लिम अधिकारियों के साथ भेदभाव बरतती है और उन्हें अच्छे पदों पर नियुक्त नहीं किया जाता है। मल्लिक ने पूछा है कि धर्मनिरपेक्षता की दुहाई देने वाले नीतीश कुमार ने अपने 18 साल के शासन में कितने मुसलमानों को एस.पी और डी.एम बनाया। मल्लिक ने कहा कि सी.ए.ए और एन.आर.सी के मुद्दे पर जदयू की भूमिका जगजाहिर है। जदयू ने तब संसद के दोनों सदनों में केंद्र सरकार का साथ दिया था। 

मल्लिक ने राजद के राजकुमार तेजस्वी यादव की धर्मनिरपेक्षता पर भी सवाल उठाया और कहा कि राजद के एम-वाई में मुसलमान कहीं है ही नहीं। अगर होता तो तेजस्वी यादव आई.जी.आई.एम.एस और राज्य फार्मेसी काउंसिल के शासी निकाय की गठित कमिटी में प्रदेश की 18 फिसदी मुस्लिम आबादी की अनदेखी नहीं करते। मल्लिक ने आरोप लगाया कि इस कमेटियो में 11 लोगों का मनोनयन किया गया है लेकिन इनमें एक भी मुसलमान नहीं है। 

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मल्लिक ने कहा कि राजद मुसलमानों को अपना बंधुआ मजदुर समझ रही है और डर का वातावरण पैदा कर मुसलमानों का वोट ले रही है। मल्लिक ने बिहार के मुसलमान से अपील की कि वें उठें और राजद-महागठबंधन से अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाए और अपनी हिस्सेदारी मांगे। 

देब्नाशु प्रभात की रिपोर्ट