PATNA : बिहार में ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकार ने बड़े बदलाव का फैसला किया है। जिससे न सिर्फ यातायात व्यवस्था को बेहतर करने में मदद मिलेगा, बल्कि ट्रैफिक नियमों को भी सख्ती से लागू किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अब हर जिले का अपना यातायात थाना होगा। इस संबंध में गृह विभाग ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है। आईजी ट्रैफिक एमआर नायक से प्रस्तावित थाना भवनों के निर्माण के लिए जमीन की उपलब्धता की जानकारी मांगी गई है। वहीं, गृह विभाग ने संबंधित जिले के डीएम और एसपी को जमीन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है।
40 जिलों में सिर्फ 12 है यातायात थाना
बिहार में 38 जिलों के अलावा दो अतिरिक्त पुलिस जिले हैं। इन 40 जिलों में से 28 में यातायात थाना कार्यरत नहीं है, केवल 12 जिले में यातायात थाने हैं। जहां थाना नहीं है उनके जिला मुख्यालयों में यातायात थाना के सृजन की कार्रवाई जारी है। गृह विभाग की ओर से पिछले दिनों हुई समीक्षात्मक बैठक में प्रस्तावित थाना भवन के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता को लेकर जानकारी देने का निर्देश दिया गया। डीएसपी ट्रैफिक जिला स्तर पर वरीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए भूमि उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगे।
मांगी गई है पूरी जानकारी
गृह विभाग द्वारा पुलिस भवन निर्माण निगम को यातायात थाना भवन निर्माण को लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यातायात थाना की बिल्डिंग का स्वरूप क्या होगा और उसके लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होगी इसका आकलन करते हुए प्रेजेंटेशन देने को कहा गया है।
इन जिलों में फिलहाल है यातायात थाना
राज्य में अभी 15 ट्रैफिक थाना कार्यरत हैं। सबसे अधिक 3 थाना पटना में है। वहीं गया में 2 जबकि बिहारशरीफ, आरा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मुंगेर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार व छपरा में 1-1 ट्रैफिक थाना है।