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नीतीश हो रहे हैं NDA से आउट, नवीन की होगी एंट्री- राजग को मजबूत बनाए रखने का अमित शाह का नया गेम प्लान

नीतीश हो रहे हैं NDA से आउट, नवीन की होगी एंट्री- राजग को मजबूत बनाए रखने का अमित शाह का नया गेम प्लान

पटना. एक और बिहार में राजनीतिक कयासों का दौर लगातार जारी है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार और भाजपा के बीच तनातनी अपने चरम पर है। नीतीश कुमार कभी भी भाजपा से ब्रेकअप कर सकते हैं। नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने से जहाँ भाजपा अपने सबसे पुराने सहयोगी को खो देगी वहीं राजग भी कमजोर हो जाएगी। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कोशिश एनडीए को मजबूत बनाये रखने की नई चाल पर भी है। कहा जा रहा है कि अमित शाह चाहते हैं कि अगर नीतीश कुमार की जदयू ने एनडीए से नाता तोड़ा तो भी शाह एनडीए को उसी रूप में मजबूत बनाए रखने की जुगत में हैं।

अमित शाह ने इसके लिए ओडिशा को चुना है। ओडिशा में हाल के दिनों में हमने देखा है कि किस तरीके से नवीन पटनायक ने कई मुद्दों पर भाजपा का समर्थन किया है। नवीन पटनायक फिलहाल भाजपा के साथ गठबंधन में नहीं है। उनकी अपनी पार्टी बीजद ओडिशा में सत्ता में है। नवीन पटनायक खुद कई वर्षों से मुख्यमंत्री बने हुए हैं। पहले भाजपा और बीजद दोनों गठबंधन में थे। हालांकि, बाद में यह गठबंधन टूट गया। लेकिन हाल के दिनों में हम देखें तो भाजपा और बीजद एक दूसरे के करीब आते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में बीजू जनता दल और भाजपा के बीच गठबंधन दिखाई दे सकते हैं। खुद केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान से इस बात के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। 

दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को ओडिशा के दौरे पर थे। इस दौरान अमित शाह ने एक ऐसा वक्तव्य दिया जिसके बाद दोनों दलों की निकटता साफ तौर पर समझी जा सकती हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है केंद्र सरकार राज्य की बीजू जनता दल सरकार के सहयोग से ओडिशा का विकास करना चाहते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि ओडिशा के कई लोग देश के कुछ शीर्ष पदों पर आसीन हैं। ऐसे में राज्य के अच्छे दिन आ रहे हैं। उड़िया दैनिक ‘प्रजातंत्र’ की 75 वीं वर्षगांठ पर यहां एक इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शाह और पटनायक के अलावा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान भी मौजूद थे। इसमें दोनों दलों के समर्थकों एवं नेताओं के लिए बराबर सीट आवंटित की गयी थीं। जब कार्यक्रम शुरू होने वाला था, तब स्टेडियम में ‘अमित शाह जिंदाबाद’ और ‘नवीन पटनायक जिंदाबाद’ के नारे संबंधित दलों के समर्थकों ने लगाये। 


हालांकि, अमित शाह के ओडिशा पहुंचने से पहले दोनों दलों के बीच ‘पोस्टर वार’ भी देखने को मिला। दोनों दलों के समर्थकों ने केवल तब नारेबाजी बंद की, जब प्रधान ने दर्शकों से शांत रहने की अपील की। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम राज्य सरकार के सहयोग से ओडिशा में सर्वांगीण विकास करने के लिए हम अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें टीम इंडिया की भांति विकास के लिए काम करें। ओडिशा के लिए पहले ही ‘अच्छे दिन’ आ जाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रपति से लेकर आरबीआई गवर्नर तक राष्ट्रीय स्तर पर ओडिशा के सबसे अधिक प्रतिनिधि हैं। शाह ने कहा कि एक गरीब आदिवासी गांव की एक महिला भारत की महामहिम (राष्ट्रपति) बन गई हैं। इस राज्य से धर्मेंद्र प्रधान केंद्रीय शिक्षा मंत्री और अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं। टुडु (बिशेश्वर) भी मंत्रिपरिषद में हैं। आजादी के बाद से ओडिशा का राष्ट्रीय स्तर पर इतना बड़ा प्रतिनिधित्व कभी नहीं रहा। इसलिए यह राज्य के लिए अच्छे दिन हैं।


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