PATNA : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की यूएसपी कभी गुड गवर्नेंस हुआ करती थी। लॉ एंड आर्डर से लेकर करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति ने नीतीश कुमार को सुशासन बाबू बनाया। लेकिन आज नीतीश कुमार अपने ही गवर्नेंस के मॉडल को बनाये रख पाने में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ज़ाहिर है सीएम नीतीश खुद इन चुनौतियों को लेकर परेशान हैं। सोमवार शाम नीतीश कुमार की यह चिंता एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में सामने आ गई।
दरअसल सोमवार शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने सरकार की सुशासन वाली इमेज को बनाये रखने के लिए सत्तापक्ष के विधायकों से सहयोग मांगा। नीतीश कुमार ने एनडीए के सभी विधायकों और विधान पार्षदों से अपील कि की वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के अभियान में साथ दें। मुख्यमंत्री ने माननीयों को यह जिम्मेवारी दी कि वह अपने इलाके में भ्रष्टाचारियों पर ना केवल नज़र रखें बल्कि उनपर नकेल भी लगवाएं।
जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी के विधायकों-विधान पार्षदों के अलावे आरएलएसपी के दोनों विधायक भी इस बैठक में मौजूद रहे। नीतीश कुमार ने सत्तापक्ष के विधायकों को यह टास्क भी दिया कि वह बजट सत्र के दौरान सरकार के अच्छे कार्यों को सदन के अंदर और बाहर बताएं। जाहिर है लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार अपनी सरकार के इमेज बिल्डिंग के लिए एमएलए और एमएलसी को ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं।