PATNA: नीतीश कुमार अब महागठबंधन के नेता बन गये। बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद तेजस्वी यादव का साथ मिला और फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बन गये। नीतीश कुमार ने आज अपनी मंशा क्लीयर कर दिया कि हमारा अगला लक्ष्य क्या है....। पटना में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इससे पर्दा उठाया है।
देश के विपक्षी दलों को करेंगे एकजुट
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में विपक्षी नेताओं को गोलबंद करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पहले यहां सब ठीक कर लेते हैं. इसके बाद विपक्षी नेताओं से मिलकर उन्हें एकजुट करूंगा. नीतीश कुमार ने आगे कहा कि आगे जो करेंगे वो सबको बतायेंगे। 2024 आने दीजिए फिर देखिए क्या होता है. मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि क्या आप विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री के चेहरा बनेंगे? इस सवाल पर सीएम ने हाथ जोड़कर कहा कि इस तरह की बात न करें। हमारी कोई मंशा नहीं है। इस तरह की कोई बात नहीं है. मैं नेतृत्व का सपना नहीं देख रहा हूं। मैं चाहता हूं कि हमारा देश अच्छे ढंग से आगे बढ़े. उन्होंने कहा कि आज समाज में टकराव की स्थिति है। ऐसे नहीं चलता है। हमारी कोशिश होगी कि सभी विपक्षी एक साथ मिलकर चलें। भाजपा से अलग होने पर देश भर लगातार फोन आ रहे हैं,बातचीत हो रही है. आगे क्या करेंगे इसके बारे में बतायेंगे।
गुजरात समेत अन्य राज्यों के कुर्मी-अतिपिछड़ा वोट पर नीतीश की नजर
कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार बिहार में मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण और सरकार को एक बार फिर से पटरी पर लाने के बाद अपने मिशन पर निकल सकते हैं। कहा जा रहा है कि वे देश भर के क्षेत्रीय क्षत्रपों से मिलकर एकजुट करने की कोशिश करेंगे,ताकी 2024 के चुनाव में भाजपा को मात दिया जा सके। राजनीतिक जानकार यह भी बताते हैं कि नीतीश कुमार की नजर गुजरात पर भी है। गुजरात में कुर्मी वोटरों की संख्या काफी है। आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार अपने समाज के कुर्मी वोटरों को कांग्रेस के पक्ष में गोलबंद कर सकते हैं। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश,झारखंड में भी कुर्मी वोटरों की संख्या है। जेडीयू की कोशिश है कि अतिपिछड़ा वोटरों को भाजपा से तोड़ा जाये। अगर ऐसा होता है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को रोकने में मदद मिलेगी।