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लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा दाव , सरकार आज विधानसभा में पेश करेगी 75 फीसदी आरक्षण बिल

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार का बड़ा दाव , सरकार आज विधानसभा में पेश करेगी 75 फीसदी आरक्षण बिल

कैबिनेट की बैठक में बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी तक बढ़ाने को सबसे पहले मंजूरी दी गई. नीतीश कैबिनेट से पास बिल के तहत ओबीसी को 18%, EBC को 25%, SC को 20% और एसटी को 2% का आरक्षण मिलेगा. आज  सदन के पटल से इस विधेयक को पारित कराया जाएगा.आपको बता दें कि पिछड़ा, अतिपिछड़ा, एससी-एसटी के आरक्षण के साथ ईडब्ल्यूएस कोटा को जोड़ कर बिहार में 75 फ़ीसदी आरक्षण का दायरा किया गया है. राज्य में आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव है.बिहार विधानसभा में चर्चा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने खुद की ये प्रपोजल रखा था. इसमें आरक्षण को 50 से 65 फीसदी करने की बात कही गई . EWS के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा. 

बिहार विधानसभा में गुरुवार को आरक्षण बिल सरकार पेश करेगी.  बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 75 फीसदी करने से जुड़ा बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) (संशोधन) विधेयक, 2023 और बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में) आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल हैं. बता दें कि  नीतीश कैबिनेट ने मंगलवार को आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर इस विधेयक के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की थी. राज्य में आरक्षण का दायरा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी करने का प्रस्ताव है. 

इसके अलावा बिहार सचिवालय सेवा (संशोधन) विधेयक, 2023, बिहार माल और सेवा कर (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2023 और बिहार पंचायत राज (संशोधन) विधेयक 2023 भी पेश किया जाएगा. विधानसभा में भोजनावकाश के बाद ये पांचों विधेयक पेश होंगे और उन पर चर्चा होगी. इसके पहले पहली पाली में प्रश्नकाल होंगे। कई रिपोर्ट सदन पटल पर रखी जाएंगी. बता दें मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक सर्वे के आधार पर पिछड़ों की संख्या 27.12, अति पिछड़ों की संख्या 36.01, एससी की 19.65, एसटी की 1.68 और सामान्य वर्ग की संख्या 15.52 हो गई है। उन्होंने सदन में 94 लाख गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए 2-2 लाख देने, आवासहीन को जमीन के लिए 1 लाख और मकान के लिए 1.20 लाख देने की भी घोषणा की थी.

बिहार में कास्ट सर्वे रिपोर्ट और और इकोनॉमिक सर्वे के बाद सीएम नीतीश कुमार ने नया दांव चल दिया. उन्होंने राज्य में आबादी के मुताबिक आरक्षण दिए जाने का प्रस्ताव सदन में रखा. इसके लिमिट को बढ़ाकर 75 फीसदी तक करने की बात कही. नीतीश कुमार ने कहा कि ओबीसी वर्ग को आबादी के अनुपात में रिजर्वेशन मिलनी चाहिए. पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने इसे बढ़ाकर 50 से 65 फीसदी करने की बात कही. कमजोर आर्थिक वर्ग के लोगों को मिलने वाला 10 प्रतिशत का आरक्षण इससे अलग होगा.

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