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जदयू की जीत पर नीतीश-ललन ने नहीं दी बधाई ! नागालैंड में खाता खुला पर ख्वाब रहा अधूरा ... टूट गया सबसे बड़ा सपना

जदयू की जीत पर नीतीश-ललन ने नहीं दी बधाई ! नागालैंड में खाता खुला पर ख्वाब रहा अधूरा ... टूट गया सबसे बड़ा सपना

 पटना. नागालैंड में एक सीट पर जदयू को मिली जीत के बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह ने विजेता विधायक को बधाई नहीं दी.  जनता दल यूनाइटेड ने नागालैंड विधानसभा चुनाव में एक सीट पर कामयाबी हासिल की है. नागालैंड के त्सेमिन्यु विधानसभा क्षेत्र से जदयू के ज्वेंगा सेब ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिक पार्टी ऑफ़ इंडिया (अठावले) के उमीदवार लोगुसेंग सेम्प को 2563 वोटों से मात दी. जदयू ने नागालैंड से बड़ी उम्मीद लगाई थी लेकिन पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत नसीब हुई. एक तरह से यह नागालैंड में जदयू को बड़ा झटका लगा है. 

जदयू को लगे झटके का असर पार्टी प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह पर भी देखा जा सकता है. नागालैंड में भले जदयू एक सीट पर जीती हो लेकिन त्सेमिन्यु विधानसभा क्षेत्र से जदयू के ज्वेंगा सेब को मिली जीत की बधाई का कोई संदेश नीतीश या ललन के सोशल मीडिया हैडल पर नहीं देखा गया. चुनाव परिणाम आने के 12 घंटे बाद भी न तो नीतीश ने और ना ही ललन ने, यहां तक की ना ही जदयू के पेज पर कहीं से भी ज्वेंगा सेब की जीत पर कोई बधाई संदेश नहीं दिया गया. 

न सिर्फ जदयू सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई है बल्कि उसका वोट प्रतिशत भी कम हुआ है. पहली बार 2003 में नागालैंड में जदयू के 3 विधायक जीते, 2013, 2018 और अब 2023 में एक-एक सीट पर जीत मिली है। 2018 के चुनाव में जदयू ने 13 उम्मीदवार उतारे थे, जबकि मौजूदा चुनाव में केवल 7 सीटों पर जदयू चुनाव में उतरी थी. 2018 के चुनाव में नागालैंड में जदयू को 4.5 फीसदी वोट मिले थे. जबकि इस बार के चुनाव जदयू को सिर्फ 3.25 फीसदी वोट आया. 

वहीं चुनाव के पहले जदयू ने नागालैंड में 3 से 4 सीटो पर जीत और 6 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा था. जदयू खुद को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की कोशिश में है. इसके लिए पार्टी की कोशिश राज्य में 6 फीसदी वोट लाने की थी. इस लिहाज से नागालैंड का चुनाव बेहद अहम माना जा रहा था. पार्टी ने इसके लिए काफी पसीना भी बहाया था. यहां तक कि जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह खुद नागालैंड में चुनाव प्रचार करने गए. बावजूद इसके पार्टी को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली. 


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