बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

हिंदुओं पर विवादित बयान के जिम्मेदार हैं नीतीश-तेजस्वी... हुकुमदेव यादव की लालू को मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर तोड़ने की नसीहत

हिंदुओं पर विवादित बयान के जिम्मेदार हैं नीतीश-तेजस्वी... हुकुमदेव यादव की लालू को मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर तोड़ने की नसीहत

पटना/दिल्ली. मंदिर गुलामी का रास्ता है. यहां जाने से सबको बचना चाहिए. बिहार की नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर के इस बयान पर वरिष्ठ भाजपा नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने लालू-नीतीश को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि संविधान में कहा गया है कि मंत्री का कुछ भी बोलने का मतलब मंत्रिमंडल का बयान होता है. ऐसे में अयोध्या में राम मंदिर या मन्दिरों पर जो भी विवादित बयान चन्द्रशेखर दे रहे हैं वह नीतीश सरकार का बयान है. नीतीश कुमार भी मन्दिरों पर दिए विवादित बयान के लिए उतने ही जिम्मेदार हैं जितने चंद्रशेखर हैं. 

उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर के पहले उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि मंदिर की जगह अस्पताल और स्कूल बनने चाहिए. हुकुमदेव ने कहा कि 15 साल तक लालू यादव और राबड़ी देवी बिहार में मुख्यमंत्री रहे. अगर तेजस्वी की ऐसी सोच है तो उनके माता-पिता ने क्यों नहीं मंदिरों को तोड़कर अस्पताल और स्कूल बनवाया. देश ने आधुनिक समय के औरंगजेब को देख लेता. इतना ही नहीं उन्हें चाहिए था कि मंदिर के साथ ही मस्जिद, गिरिजाघरों को भी तोड़ देते क्योंकि यह सब आस्था का केंद्र है. 

चरवाहा विद्यालय से साबित होती है सोच : हुकुमदेव ने कहा कि हमने कुछ दिन पहले बिहार के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर राज्य के स्कूलों में सुधार की बात की थी. राज्य में जितने विद्यालय हैं वहां छात्र के अनुसार भवन, शौचालय, बिजली, रोशनी, खेलने की व्यवस्था, मीड-डे-मील आदि हो. लेकिन इसकी जगह वे विवादित बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि एक दौर में लालू यादव भी बिहार में चरवाहा विद्यालय खोल रहे थे, जबकि उसी समय अन्य जगहों पर स्कूल और अच्छे कॉलेज खुल रहे थे. यह लालू यादव की सोच को दर्शाता है कि वे क्या चाहते थे. 

कृष्ण की तरह बनें यदुवंशी : यादव समाज का प्रतिनिधित्व चेहरा कौन है, इसे लेकर उन्होंने कहा कि कृष्ण और कंश दोनों ही यादव थे. लेकिन कृष्ण के आचरण को सारी दुनिया स्वीकारती है. वे पहले ऐसे भगवान के अवतार हैं जिनकी जाति के नाम के साथ प्रार्थना होती है. ऐसे में यदुवंशी को कृष्ण की तरह बनने की जरूरत है. उन्होंने लालू यादव को निशाने पर लेते हुए कहा कि आज के दौर के यादव समाज के भीतर युवा वर्ग जो डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है या कॉलेज और तकनीकी शिक्षा ले रहा है वह दुनिया के साथ समायोजन करना चाहता है. 

तुलसीदास रक्षक कवि : लालू यादव जिन राम मनोहर लोहिया का नाम लेकर राजनीति करते हैं उनका उदाहरण देते हुए हुकुमदेव ने घेरा. उन्होंने कहा, डॉ लोहिया ने कहा है कि अलग-अलग कवियों के बारे में अलग-अलग बातें की जा सकती हैं. लेकिन, तुलसीदास को वे रक्षक कवि बताए हैं. तुलसीदास ऐसे कवि थे जिन्होंने भारतीय संस्कृति को पतन के प्रवाह से रक्षा की. वह लोकभाषा में रामचरित मानस की रचना करते हैं और हर लोग तक राम को पहुंचाते हैं. उन्होंने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर दिए विवादित बयानों पर यह बात कही. उन्होंने कहा कि राम किसके हृदय में बसते हैं इसे भी तुलसीदास ने लिखा है कि ‘काम कोह मद मान न मोहा। लोभ न छोभ न राग न द्रोहा॥ जिन्ह कें कपट दंभ नहिं माया। तिन्ह कें हृदय बसहु रघुराया॥‘ इसलिए राम और रावण हर युग में रहे हैं. अभी भी अयोध्या में राम मंदिर में राष्ट्र देव राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी तो रावण के रूप में कुछ अपना ताकत दिखाएंगे. 

Suggested News