BHAGALPUR : किसी भी सरकारी काम को शुरू करने के लिए सबसे पहला काम जो होता है, वह है उन सभी विभागों से एनओसी लेना, जो उस काम में परेशानी का कारण बन सकते हैं। लेकिन बिहार में काम करनेवाले अधिकारियों को क्रेडिट लूटने की इतनी जल्दबाजी होती है कि वह एनओसी के लिए बाद में सोचते हैं। काम पहले शुरू कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि एनओसी नहीं होने के कारण काम को बीच में ही रोकना पड़ता है। भागलपुर में 162 करोड़ की लागत से बन रहे बरारी रिवर फ्रंट के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। जहां काम शुरू होने के कुछ समय ही इस पर रोक लगा दी गई है। अधिकारियों का कहना है जब तक एनओसी नहीं मिलेगी तक तक काम बंद रहेगा।
बता दें कि भागलपुर स्मार्ट सिटी को स्मार्ट बनाने को लेकर कई कार्य योजनाएं चल रही है। जिसमें से भागलपुर के बरारी रिवर फ्रंट कार्य भी होना है। जिस पर 162 करोड़ लागत से सौंदर्यीकरण का काम होना है। यहां कुछ माह पहले भागलपुर स्मार्ट सिटी के तहत बरारी पुल घाट के समीप रिवरफ्रंट के कार्य की शुरुआत की गई थी। लोगों को यकीन था कि इस बार काम समय पर पूरा हो जाएगा। लेकिन यहां योजना से जुड़े अधिकारियों ने फिर जल्दबाजी में कुछ विभागों से एनओसी लेना जरुरी नहीं समझा। जिसमें वन विभाग भी शामिल है। बताया गया कि रिवर फ्रंट में कुछ कार्यों को लेकर वन विभाग ने आपत्ति जाहिर की है और अब रिवर फ्रंट के काम पर रोक लगा दी है।
अब एनओसी का इंतजार
वहीं इस मामले को लेकर नगर आयुक्त डॉ.योगेश कुमार सागर से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वन विभाग से कुछ अटकलें सामने आ रही हैं जैसे ही वहां से एनओसी मिलता है फिर पुनः यह कार्य शुरू हो जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों से बातें हो रही है ऊपर के मंत्रियों से भी बात हो रही है जल्द एनओसी मिलते ही पुनः रिवरफ्रंट के कार्य को शुरू कर दिया जाएगा।