SUPAUL : जिले के त्रिवेणीगंज अंचल कार्यालय में अंचलाधिकारी के संरक्षण में गैर सरकारी लोग कर्मचारी के दायित्वों का निर्वहन करते नजर आते हैं। मजबूरी में लोगों को अपने कार्य के लिए इन दलालों को ही सहारा लेना पड़ता है। सबसे अहम बात यह है कि एक कर्मचारी दस दस मुंशी रखते हैं। यह सब कार्य अंचलाधिकारी के अधिनस्थ कर्मचारी के रूप में होता है। जाहिर है की इन्हें वेतन सरकार तो देती नहीं है, भ्रष्टाचार कर ये लोग पैसे कमाते हैं। आम आदमी का काम बिना पैसे का होता नहीं है।
हद तो यह है कि पूरे सरकारी कार्यालय का चाबी उन्हें सौंप देते हैं। ऐसे गैर सरकारी, गैर जिम्मेदर लोगों को सरकारी दस्तावेज से छेड़छाड़ करने का हक देना कैसे न्यायसंगत है। इन सारे सवाल पर अंचलाधिकारी दिनेश प्रसाद मौन हो जाते हैं तो दूसरी ओर जिले के अधिकारियों द्वारा भी संज्ञान नहीं लिया जाता है। वहरहाल राजस्व कार्यालय में आप भी देख सकते हैं कि किस प्रकार लोगों की भीड़ लगी हुई है। गैर सरकारी व्यक्ति दलाल के रूप में संबंधित व्यक्ति से कागजात भी लेते हैं और कर्मचारी से काम भी करवा कर देते हैं।
पंचायत समिति सदस्य बोधी यादव से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि यहां गलत हो रहा है। कर्मचारी नहीं बैठते हैं और कर्मचारी की घर पर अवैध तरीके से सारा काम किया जाता है। यह सब कुछ गलत हो रहा है। हम मांग करते हैं कि कर्मचारी कम से कम चार दिन भी ऑफिस में आकर बैठे और पब्लिक की समस्या सुने। उनका काम करें। उन्होंने गैर सरकारी लोगों द्वारा कार्य किए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्य सरकारी लोगों द्वारा किए जाते हैं। अवैध तरीके से इन लोगों द्वारा कार्य किया जाना रजिस्टर से छेड़छाड़ किया जाना कतई उचित नहीं है।
सुपौल से पप्पू आलम की रिपोर्ट