अब जाति नहीं नंबर से जाने जाएंगे बिहारवासी, जानें किसको मिला कौन-सा अंक

PATNA. बिहार में जातीय जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत होनेवाली है। इसके पहले चरण का समापन हो चुका है। पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था। वहीं दूसरे चरण में जातीय जनगणना के लिए कोड निर्धारित की गई है। जिसके लिए जातियों की सूची और उसकी श्रेणी भी तैयार कर ली गई है।
बता दें कि अब बिहार में आप कौन सी जाति से हैं यह अब कोड बताएगा। सरकार ने अलग-अलग जातियों के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित की है। हर जाति के लिए एक अलग कोड तैयार किया गया है जो अंकों में होगा। यह जाति आधारित गणना पत्र के अलावा पोर्टल और एप पर भी प्रकासित होगा। हर जगह जातियों के नाम के साथ उस जाति के लिए निर्धारित की गई कोड अंकित होगा।
जातीय जनगणना के दूसरे चरण में जिले में 12 हजार 831 गणना कर्मियों को 15 अप्रैल से 15 मई के बीच में 73 लाख 52 हजार 729 लोगों की गणना करनी है। वहीं निर्धारित किया गया कोड अलग-अलग समुदाय के सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग की जातियों के लिए होगा।
बनिया जाति के लिए 124 कोड संख्या निर्धारित की गई है। जिसमें सूड़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बर्नवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल हैं।
बताते चलें कि, बिहार में कुल 216 जातियां हैं। जिनके लिए अलग-अलग कोड को निर्धारित की गई है। पहले नंबर पर अगरिया जाति है। तो वहीं अन्य का कोड 216 है और केवानी जाति के लिए 215 वां कोड है। सवर्ण जातियों की बात करें तो कायस्थ का कोड 22, ब्राह्मण के लिए 128, राजपूत के लिए 171 तो भूमिहार के लिए 144 है। कुर्मी जाति का अंक 25 और कुशवाहा कोइरी का 27 है। यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला के लिए कोड संख्या 167 है।