N4N Desk: हवाई यात्रा ट्रेन से भी अधिक बोरिंग हो जाती है, क्यूंकि आप वह ऊपर नेट नहीं यूज़ कर सकते है. लेकिन अब अक्टूबर से पूरे देश में यात्री सफर के दौरान मोबाइल फोन और वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकेंगे। विभाग ने इस संबंध में दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सभी सिफारिशों को मान लिया है।3 हजार मीटर की ऊंचाई तक ये सुविधा मिल सकती है.
ट्राई ने सुझाव दिया था कि एक बार एयरक्राफ्ट 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहुंच जाए तो फोन करने की मंजूरी दे सकते है। अब आपको फ़ोन फ्लाइट मोड पर करनी की जरुरत नहीं पड़ेगी.
फ्लाइट में वाईफाई इक्विपमेंट लगाने पर कंपनियों को ज्यादा खर्च उठाना पड़ेगा। टेलीकॉम मंत्रालय ने हवाई यात्रा के दौरान फ्लाइट में वॉयस, डाटा और वीडियो सेवा देने पर रेगुलेटर की राय मांगी थी। ट्राई ने अपने सुझावों में कहा था कि दुनिया की करीब 30 एयरलाइंस फ्लाइट में कॉल और इंटरनेट की सुविधा देती हैं।इस सुविधा के लिए एयरलाइंस को लइसेंस लेना होगा।
एयरलाइंस कंपनियों की इस सेवा का सबसे ज्यादा फायदा बिजनेस क्लास वालों को मिलेगा। इकोनॉमी वाले भी इसका लाभ ले सकते है, लेकिन आपको बता दें कि ये सर्विस काफी मेहेंगी है.
एयरलाइंस को वाई-फाई सेवा देने के लिए एंटिना लगाना पड़ेगा। वो वाई-फाई के सिग्नल या तो मोबाइल टॉवर से लेंगे अथवा सैटेलाइट से लेंगे। हालांकि कई इंटरनेशनल कंपनियां व्हाट्सएप और अन्य मैसेंजर सर्विस का प्रयोग करने वालों को मुफ्त में सर्विस देती हैं। एयरलाइंस कंपनियां इसके लिए यात्रियों से आधे घंटे नेट यूज करने के लिए करीब 1000 रुपये तक चार्ज कर सकती हैं।