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अब नहीं मिलेगी मुफ्त बिजली की सौगात, 46 लाख परिवारों को मिलने वाली सुविधा समाप्त, जानिए कौन है जिम्मेदार

अब नहीं मिलेगी मुफ्त बिजली की सौगात, 46 लाख परिवारों को मिलने वाली सुविधा समाप्त, जानिए कौन है जिम्मेदार

DESK. मुफ्त बिजली की मिलने वाली सौगात अब दिल्लीवासियों के लिए सपना हो जाएगी। आम आदमी पार्टी की दिल्ली सराकर ने लोगों को बड़ा झटका दे दिया है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जनता को दी जाने वाली फ्री बिजली सब्सिडी पर रोक लगाने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी ऊर्जा मंत्री आतिशी ने दी है। उन्होंने बताया है कि दिल्ली के लोगों के लिए 14 अप्रैल से सब्सिडी वाली बिजली बंद हो जाएगी। अब जनता को सब्सिडी वाले बिल नहीं मिलेंगे। इसके लिए आप पार्टी ने उपराज्यपाल को जिम्मेदार ठहराया है।

आतिशी ने बिजली की सब्सिडी को खत्म करने के फैसले के पीछे कारण दिया कि फ्री बिजली सब्सिडी बंद कर दी गई है क्योंकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने आने वाले वर्ष के लिए सब्सिडी को जारी रखने का फैसाल किया है। अभी वर्तमान में बिजली सब्सिडी वाली फाइल उपराज्यपाल के पास है। जब तक फाइल वापस नहीं आएगी तबतक आम आदमी पार्टी की सरकार सब्सिडी वाले बिल जारी नहीं कर सकेगी। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी का ये फैसला दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ा झटका है। 

इस मामले पर आतिशी ने जानकारी दी की दिल्ली के 46 लाख परिवारों, किसानों, वकीलों और 1984 दंगा पीड़ितों को 15 अप्रैल से मुफ्त बिजली नहीं मिल सकेगी। इस मामले पर टाटा, बीएसईएस ने चिट्टी लिख कर बताया है उनके पास सब्सिडी दिए जाने की जानकारी नहीं है। ऐसे में वो बिलिंग शुरु आम तरीके से करेंगे। बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और राजनिवास के बीच कई बार बिजली सब्सिडी को लेकर वाद विवाद चल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मुफ्त बिजली देने के लिए सब्सिडी जारी रखना चाहते है। वहीं उपराज्यपाल ने एक पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि सब्सिडी सीधे उपभोक्ताओं के अकाउंट में भेजे जाएं।

गौरतलब है कि जब से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आई है सराकर ने तभी से जनता को पानी और बिजली पर सब्सिडी दी है जिससे जनता को काफी लाभ हुआ है। वर्ष 2022 के अक्टूबर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने मुफ्त बिजली की योजना में बदलाव की मांग करी थी। इस दौरान भी लगभग 25 प्रतिशत लोग बिजली सब्सिडी की सुविधा से बाहर हुए थे। 

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