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अब पूरे रामचरितमानस पर उठा दिया सवाल, यूपी के पूर्व मंत्री व सपा नेता ने कर दी धार्मिक ग्रंथ पर प्रतिबंध की मांग

अब पूरे रामचरितमानस पर उठा दिया सवाल, यूपी के पूर्व मंत्री व सपा नेता ने कर दी धार्मिक ग्रंथ पर प्रतिबंध की मांग

DESK : रामचरितमानस को बिहार के शिक्षा मंत्री ने नफरत फैलानेवाला ग्रंथ बताया था। जिसको लेकर बिहार में राजद को छोड़ तमाम पार्टियों ने विरोध जताया, लेकिन अब बिहार के शिक्षा मंत्री की लगाई आग यूपी तक पहुंच गई है। यूपी चुनाव में मुंह की खा चुके पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी राजनीति रामचरितमानस को लेकर चलाने की कोशिश में जुटे हैं। जहां बिहार के शिक्षा मंत्री ने धार्मिक ग्रंथ को नफरत फैलानेवाल बताया था, वहीं अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पूरे ग्रंथ पर ही सवाल उठाते हुए उसे बैन करने की मांग कर डाली है। 

एक निजी मीडिया चैनल को दिए गए इंटरव्यू में सपा नेता स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस को बकवास बताते हुए कहा कि, कई करोड़ लोग इसे नहीं पढ़ते हैं। तुलसीदास ने अपने खुशी के लिए इसे लिखा है। वहीं उन्होंने सरकार से आव्हान करते हुए कहा कि, रामचरितमानस में जो भी आपत्तिजनक अंश है उसे बाहर कर देना चाहिए। बल्कि इस पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए। 

ब्राह्मणों को बताया दुराचारी

स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो लेकिन फिर भी वह पूजनीय है। लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो जाए, विद्वान या ज्ञाता हो जाए, उसका सम्मान मत करिए, क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो मैं इसे नमस्कार करता हूं। ऐसे धर्म का सत्यानाश हो,जो हमारा सत्यानाश चाहता है।

सपा नेता ने कहा कि तुलसीदास रचित रामचरितमानस की एक चौपाई ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी। ये सब ताड़न के अधिकारी। का जिक्र करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस तरह की पुस्तकें अनुमन्य कैसे हैं? इनको तो जब्त किया जाना चाहिए और खत्म कर देना चाहिए। मौर्य ने कहा कि महिलाएं सभी वर्ग की हैं। क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हो रही हैं। इन महिलाओं में सभी वर्ग की महिलाएं शामिल हैं। एक तरफ कहोगे- यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता। दूसरी ओर तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर उनको कहोगे कि नहीं, इनको डंडा बरसाइए। मारिये-पीटिये।

धर्म के ठेकेदार चला रहे अपना धंधा

धर्म के ठेकेदारों का जिक्र करते हुए मौर्या ने कहा कि, चंद मुट्ठी भर लोग ऐसे हैं जो अपनी रोजी-रोटी इसी से चलाते हैं। वह कहते हैं कि हिंदु की भावना आहत हो रही है। बता दें कि स्वामी के इस बयान पर देश की राजनीति गर्म होने के पूरे-पूरे आसार हैं। भाजपा स्वामी के इस विवादित बयान को खाली हाथ नहीं छोड़ने वाली है। अब देखना होगा कि इस बयान पर तमाम राजनीतिक पार्टियों का क्या स्टैंड रहने वाला है।


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