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अब नहीं होगी RRB, SSC और IBPS की को कोई भर्ती परीक्षा, सरकारी नौकरी के इंतजार में जुटे अभ्यर्थियों के लिए मोदी सरकार करने जा रही है यह बदलाव

अब नहीं होगी RRB, SSC और IBPS की को कोई भर्ती परीक्षा, सरकारी नौकरी के इंतजार में जुटे अभ्यर्थियों के लिए मोदी सरकार करने जा रही है यह बदलाव

PATNA : देश में सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे अभ्यर्थियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि नए साल से केंद्र सरकार रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी , आरआरसी), कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) की भर्ती परीक्षाओं को बंद करने की तैयारी कर रही है। मोदी सरकार इन परीक्षाओं की जगह सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) की शुरुआत करने जा रही है।

बताया गया कि मोदी सरकार राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के जरिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करवाएगी जिसके जरिए सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के लिए योग्य उम्मीदवारों को छांटा जाएगा। एनआरए सीईटी के जरिए पहले एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और आईबीपीएस के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करेगी।

कमिटि की रिपोर्ट का इंतजार

रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का सिलेबस, फीस संरचना और कॉपियों की चेकिंग व इतनी बड़ी भर्ती परीक्षा में अपनाई जाने वाली तकनीक के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (ईएसी) का गठन किया है। जल्द ही एक्सपर्ट की ये कमिटि अपनी रिपोर्ट देने वाली है।

 प्रारंभिक परीक्षाओं का बदलेगा पैटर्न

अब तक जो बात सामने आई है, उसके अनुसार NRA CET की शुरुआत रेलवे, बैंकिंग और एसएससी की आरंभिक परीक्षाओं को मर्ज करने से होगी। यानी RRB, IBPS और SSC जो भर्ती परीक्षाएं आयोजित करते हैं, उनकी केवल प्रारंभिक परीक्षाएं ( प्रीलिम्स ) एनआरए द्वारा आयोजित की जाएगी। इन परीक्षाओं के बाद आगे की भर्ती प्रक्रिया व परीक्षा के चरण RRB, IBPS और SSC ही संभालेंगे।

सभी परीक्षाएं होंगी मर्ज

बताया जा रहा है कि RRB, IBPS और SSC को मर्ज करना सिर्फ शुरुआत है। केंद्र की योजना सभी सरकारी भर्ती परीक्षाओं को इसमें मर्ज करने की योजना है। बताया गया कि अभी केंद्र की 20 एजेंसियां भर्ती परीक्षाएं आयोजित करती हैं जो चरणबद्ध तरीके से इसमें मर्ज हो जाएंगी।

साल में दो बार परीक्षा, सबकुछ होगा ऑनलाइन
 एनआरए ग्रप बी और ग्रुप सी (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग करने के लिए एक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) आयोजित करेगी। एनआरए वर्ष में दो बार ऑनलाइन माध्यम से सीईटी आयोजित करेगा।सबसे बड़ी बात यह होगी कि अभ्यर्थियों का पंजीकरण, रोलनंबर और प्रवेश पत्र जारी होना, अंक पत्र और मेरिट लिस्ट सबकुछ ऑनलाइन जारी किया जाएगा। इसमें किसी तरह के फिजिकल वैरिफिकेशन की जरूरत नहीं होगी। इससे धांधली रोकने में मदद मिलेगी।

10वीं-12वीं और स्नातक के लिए अलग अलग परीक्षा
 राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) द्वारा आयोजित किया जाने वाला कॉमन एलेजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) तीन स्तर का होगा। उम्मीदवार अपनी योग्यता के हिसाब से परीक्षा चुन सकेंगे। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, सीईटी के ये तीन स्तर ग्रेजुएट, इंटर मीडिएट तथा हाईस्कूल तक पढ़े उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए हैं। टेस्ट के लिए आवेदन से लेकर प्रवेश पत्र प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। उम्मीद स्वयं अपना परीक्षा केंद्र चुन सकेंगे।

अधिकतम उम्र सीमा तय नहीं, तीन साल तक मान्य रहेंगे मार्क्स
 सीईटी में उम्मीदवार के बैठने की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई है। यदि कोई राज्य सीईटी के स्कोर से भर्ती करना चाहता है तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार ने कहा है कि राज्य सरकारें भर्तियों के लिए साझा पात्रता परीक्षा में उम्मीदवारों को मिले अंकों का उपयोग कर सकती हैं।

12 भाषाओं में होगी सीईटी परीक्षा
 कार्मिक सचिव सी. चन्द्रमौली ने बताया कि यह एजेंसी 12 भाषाओं में परीक्षा का आयोजन करेगी। तीन वर्ष तक स्कोर मान्य होगा। इस बीच उम्मीदवार अपने स्कोर में सुधार के लिए आगामी परीक्षा में भी बैठ सकेगा। परीक्षा के प्रश्न एक संयुक्त प्रश्न बैंक से लिए जाएंगे।

एक तरह के पदों के लिए एक परीक्षा
 अलग-अलग विभागों में एक ही तरह के सरकारी पदों के लिए एक ही परीक्षा कराई जाएगी। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) ग्रुप बी और ग्रुप सी (गैर तकनीकी) पदों के लिये साझा पात्रता परीक्षा के जरिये उम्मीदवारों की छंटनी (स्क्रीनिंग) करेगी।

ग्रुप-बी और सी वालों को बड़ी राहत
 ग्रुप बी और सी की आरंभिक परीक्षा की अर्हताएं एक जैसी होती हैं, लेकिन हर बोर्ड का अलग पैटर्न होने के कारण उम्मीदवारों को अलग-अलग प्रकार से परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है। एक परीक्षा होने से एक ही किस्म की तैयारी करनी होगी।

सीईटी का क्या होगा फायदा

 सीईटी से समय एवं धन दोनों की बचत होगी। सीईटी मल्टीपल च्वॉइस (बहुविकल्प) प्रश्नों पर आधारित परीक्षा होगी और इसका स्कोरकार्ड तीन वर्षो तक मान्य होगा। वही इससे उन अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा, जो मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना पाते हैं। दूसरी तरफ मेरिट लिस्ट में शामिल अभ्यर्थियों के पास भी यह मौका होगा कि वह अपनी पसंद की नौकरी को अपना सकते हैं

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