PATNA : जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के बिक्रम प्रखंड मुख्यालय पर असपुरा लख के पास स्थित "बिक्रम ट्रामा सेंटर "लगभग 22 वर्ष से बनकर तैयार है। लेकिन इतने वर्षों के बाद वह अपनी उद्घाटन का आस लगाए बैठा है। 2001 में भारत रत्न एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में भाजपा के कद्दावर नेता एवं तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पदमश्री डॉ सीपी ठाकुर के भागीरथी प्रयास से जमीनी हकीकत का रूप लिया था। लगभग 1.10 करोड़ की लागत से इसका भवन बनकर तैयार हो गया था। इसमें आवश्यकता के अनुरूप ट्रामा सेंटर के लिए सभी जरूरी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मशीनें भी लगाई गई थी । सिर्फ इसका विधिवत उद्घाटन होना बाकी रह गया था। लेकिन इसका दुर्भाग्य कहिए या इस क्षेत्र की जनता की बदनसीबी या सरकारी तंत्र और राज्य सरकारों की सौतेला पूर्ण व्यवहार। उपेक्षा पूर्ण नीति और इच्छाशक्ति की कमी भी कह सकते हैं। खैर कारण कुछ भी हो लेकिन सरकारी उपेक्षा का शिकार बना "बिक्रम ट्रामा सेंटर"बीते 22 वर्षो से आजतक अपनी उद्घाटन की आस में अपनी बेबसी पर आंसू बहाने को बेबस है।
सनद रहे डॉ सीपी ठाकुर की की दूरदर्शी सोच के साथ बिक्रम ट्रामा सेंटर की परिकल्पना और उसका मूल उद्देश्य यह था कि आये दिन सड़क हादसे में बड़े पैमाने पर होने वाले मौत किसी हद तक कम होंगे। सड़क हादसे में जख्मी लोगों का बीच रास्ते में ही समुचित और बेहतर ईलाज हो सके। क्योंकि औरंगाबाद से पटना के बीच में कोई बड़ा अस्पताल इमरजेंसी सेवा के लिए नहीं होने की वजह से NH-139 पटना- औरंगाबाद मार्ग पर आये दिन लोगों की मौत होती थी।
वहीं बिक्रम ट्रामा सेंटर को चालू करवाने के लिए एक अदद बिक्रम ट्रामा सेंटर संघर्ष समिति की गठन किया गया है, जो की विगत दो वर्षो से ट्रामा सेंटर को चालू करवाने के चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चला रहा है। कई बार धरना प्रदर्शन और अनशन भी किया गया। लेकिन राज्य सरकार के कान में जू तक नहीं रेंगी । ट्रामा सेंटर को चालू करवाने के लिए ट्रामा सेंटर संघर्ष समिति बीते साल से 335 दिनों से संघर्ष समिति के संरक्षक युवा नेता सह जुझारू समाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में आमरण अनशन पर बैठी है। इसकी लंबी लड़ाई और भागीरथी प्रयास संघर्ष समिति द्वारा जारी है। ट्रामा संघर्ष समिति ने एक बैठक कर अब आर पार की लड़ाई लड़ने की ऐलान करते हुए कहा की इसके लिए अब जो कुछ भी हो जन आंदोलन सड़क पर उतर कर करने को तैयार हैं। पालीगंज से लेकर पूरे बिक्रम, दुल्हन बाजार समेत पूरे अनुमंडल क्षेत्रों में एक विशाल जनसंवाद यात्रा बड़े पैमाने पर निकालने कि घोषणा किया है।
बिक्रम ट्रामा सेंटर को चालू होने से पटना, औरंगाबाद, अरवल समेत तीन जिलों के लगभग 20 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। साथ ही पटना ईलाज लिए जाने वाले लोगों को भी काफी राहत मिलेगी। यह बहुप्रतीक्षित और अति महत्वाकांक्षी परियोजना इस क्षेत्र की जनता के लिए एक वरदान से कम नहीं होगी? लेकिन राज्य सरकार की इच्छा शक्ति और घोर उपेक्षा की शिकार बनी हुई ट्रामा सेंटर क्या भविष्य में चालू होगी यह एक बहुत बड़ा यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
पटना से अमलेश कुमार की रिपोर्ट