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ओह...अपने 'भीष्म पितामह' को भी भूल गई भाजपा ! कैलाशपति मिश्रा की पुण्यतिथि पर BJP दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुट्ठी भर नेता-कार्यकर्ता

ओह...अपने 'भीष्म पितामह' को भी भूल गई भाजपा !  कैलाशपति मिश्रा की पुण्यतिथि पर BJP दफ्तर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुट्ठी भर नेता-कार्यकर्ता

PATNA: अखंड बिहार में भाजपा के भीष्म पितामह रहे स्व. कैलाशपति मिश्रा की गुरूवार को पुण्य तिथि मनाई गई. 3 नवंबर 2012 को बीजेपी के पितामह रहे कैलाशपति मिश्रा का निधन हुआ था. निधन के एक दशक बीतते ही भाजपा नेता अपने पितामह को भूलने लगे हैं. बीजेपी के बड़े नेता जो स्व. कैलाशपति मिश्रा के सानिध्य में पले-बढ़े, वे लोग भी अपने भीष्म पितामह की पुण्य तिथि में शामिल होने का समय नहीं निकाल पा रहे. आज बिहार बीजेपी जो कुछ भी है, उसमें कैलाश पति मिश्रा का अमूल्य योगदान है. उन्होंने खासकर बिहार व झारखंड में ईट-ईट जोड़कर भाजपा का 'बड़ा महल' खड़ा किया था। पर आज हालात ऐसे हो गये हैं कि अपनी पार्टी के सृजनकर्ता की पुण्यतिथि में शामिल होने में भी बीजेपी नेता संकोच कर रहे.गुरूवार को बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पार्टी के मुट्ठी भर नेता-कार्यकर्ता ही शामिल हुए. वो तस्वीर देखकर आप कहने को विवश हो जायेंगे कि आज की बीजेपी अपने भीष्म पितामह को पूरी तरह से भूल गई है.  

बिहार बीजेपी के बड़े नेताओं के पास समय ही नहीं  

स्व. कैलाशपति मिश्रा को अखंड बिहार में भाजपा का 'भीष्म पितामह' कहा जाता था। उन्होंने भाजपा रूपी पौधे को संयुक्त बिहार में लगाया और खून-पसीने से सींचा। कैलाश जी के द्वारा लगाये गए बीजेपी रूपी पौधा आज विशालकाय वृक्ष बन गया है। जिसका लाभ सारे लोग ले रहे. लेकिन जिस शख्स के लगाये पौधे से बीजेपी के कार्यकर्ता आज बड़े-बड़े नेता बन गये हैं वे अब पुराने दिन भूल गये हैं. तभी तो पुण्य तिथि पर भी वे नेता अपने पितामह को याद नहीं कर पा रहे. गुरूवार को बिहार बीजेपी कार्यालय में कैलाशपति मिश्रा की पुण्यतिथि मनाई गई। पार्टी की तरफ से कैलाशपति मिश्रा के तैलचित्र पर पुष्पार्चन कार्यक्रम रखा गया था. मगर अफसोस इस पुष्पार्चन कार्यक्रम में बीजेपी के इक्के-दुक्के नेता-कार्यकर्ता ही शामिल हुए। इस कार्यक्रम में प्रदेश संगठन महामंत्री भीखूभाई, प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार, उपाध्यक्ष राधामोहन शर्मा,राजेश वर्मा,सिद्धार्थ शंभू व कुछ अन्य लोग मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में वे तमाम नेता गायब रहे जिनको कैलाशपति मिश्र ने राजनीति का ककहारा सिखाया था. इस कार्यक्रम में न तो प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुए और न सुशील मोदी,गिरिराज सिंह,राधामोहन सिंह और न नित्यानंद राय,नंदकिशोर यादव. हाल के दिनों तक नीतीश सरकार में दोनों डिप्टी सीएम,पूर्व मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी गायब रहे. वर्तमान में विधानमंडल में विरोधी दल के नेता भी इस कार्यक्रम से दूर रहे. 

 दूसरे कार्यक्रम में शामिल हुए सुशील मोदी-विजय सिन्हा 

हालांकि कैलाशपति मिश्र की पुण्य तिथि पर दो अन्य कार्यक्रम भी रखे गये थे. पटना के तारामंडल सभागार में कैलाशपति मिश्रा की पुण्यतिथि मनाई गई। इस कार्यक्रम में सुशील कुमार मोदी, नागेन्द्र जी, संजीव चौरसिया,राधामोहन शर्मा मौजूद रहे. इसके अलावे एक अन्य कार्यक्रम कैलाशपति मिश्रा की जन्मस्थली बक्सर के बड़का ढ़काईच में आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए. 


कैलाशपति मिश्रा का जीवन सफर

जन्म : 5 अक्टूबर 1923

पिता का नाम : पंडित हजारी मिश्र

गांव : दुधारचक [बक्सर]

1942 के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी (10 वीं का छात्र रहते जेल गए)

1945 : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े (संघ परिवार को समर्पित किया जीवन, आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प)

1945-46 : आरा के प्रचारक

1959 : प्रदेश संगठन मंत्री

1977-80 : बिक्रम विधानसभा क्षेत्र से विधायक (इस दौरान कर्पूरी ठाकुर की सरकार में वित्त मंत्री)

1980 : भाजपा के प्रथम प्रदेश [बिहार] अध्यक्ष

1983-87 : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

1984-90 : राज्यसभा सदस्य

1988-93 : भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री

1993-95 : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

1995-2003 : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष

राष्ट्रीय मंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा व अंडमान निकोबार के संगठन मंत्री

7 मई 2003 से 7 जुलाई 2004 : गुजरात के राज्यपाल,इसी दौरान चार महीने के लिए राजस्थान के भी राज्यपाल 


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