वाह रे बेटा! ससुराल के चक्कर में बूढ़े मां-बाप को किया बंद कमरे में कैद, ताला तोड़ पुलिस ने लिया एक्शन

DESK: पूत कपूत तो क्यों धन संचय... पूत सपूत तो क्यों धन संचय...कहावत आपने सुनी होगी। मां-बाप को उम्मीद रहती है कि बुढापे में बेटा मां-बाप का सहारा बनेगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एक बेटे ने घर पर 85 साल के पिता और 80 साल की मां को बंद कर दिया। इतना ही नहीं कमरे की लाईट भी बंद कर दी। इसके बाद अपने बच्चों और पत्नी के साथ ससुराल चला गया। किसी तरह इस बात की जानकारी पड़ोसियों को लगी।
पड़ोसियों ने वृद्ध माता पिता की जान की खातिर पुलिस को इस बात की सूचना दे दी। पुलिस ने घटना की सूचना पाकर एक्शन लेते हुए हरकत में आ गई। घर का ताला तोड़कर देखा तो दोनों बुजर्ग दंपत्ति की दशा इतनी खराब थी कि वे अपने बस्तर से भी उठ नहीं पार रहे थे। फोन पर ससुराल गए बेटे को फटकार लगाई । इसके बाद पारिवारिक मामला होने के कारण वृद्ध दंपत्ति के नाती को बुलाकर उसे देखरेख की जिम्मेवारी देते हुए वापस चली गई।
वहीं, एक रिश्तेदार ने जुल्म की पूरा कहानी सुनाई। यह घटना सरायमीर इलाके की है। बता दें कि सरायमीर कस्बा में शख्स अपना घर बनवाकर परिवार के साथ रहता है। परिवार में पति पत्नी के साथ ही उनके बच्चे भी है। इसके अलावा बृद्ध मां बाप भी साथ ही रहते है। दोनों बीमार हने के साथ ही बिस्तर पर पड़े है। मीडिया रिपोर्टसे के मुताबिक बेटा बीमार मां बाप को घर में बंद कर शनिवार को अपनी परिवार संग ससुराल रहने चला गया। जाते-जाते भांजे से यह कह गया कि कभी कभार जाकर देख लेना। तीन दिनों से वृद्ध दंपति घर में बंद थे। सोमवार आसपास के कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। सरामरी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और ताला तोड़कर अंदर गई।
वृद्ध दंपति बिस्तर पर पड़े थे। दोनो में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वे बिस्तर उठ सकें। इस पर पुलिस ने पहले बेटे को फोन कर फटकार लगाई और तत्काल वापस लौटने को कहा। बताया जा रहा है कि बुजुर्ग के रिश्ते में नाती लगने वाले व्यक्ति को बुलाकर देखरेख की जिम्मेदारी थी। वहीं ससुराल की चाह में जन्म देने वाले मां बाप को धर में तीन दिनों से बंद करने वाले बेटे से स्थानीय लोगों के साथ रिश्तेदार भी नाराज हैं।
वृद्ध दंपति के एक रिश्तेदार ने बताया कि अक्सर ही वृद्ध दंपति के साथ मारपीट की जाती है। इतना ही नहीं प्रायः बुजुर्ग दंपति को बेटा इसी तरह घर में बद कर चले जाते हैं। सबसे बड़ी बात यो यह है कि घर में ताला बंद करने के साथी पूरे घर की बत्ती भी गुल कर देत हैं। वृद्ध दंपति अंधेरे में पड़े रहते हैं। न तो ठीक से भोजन ही इन्हें दी जाती है और न ही देखरेख की जी जाती है।
डेस्क की रिपोर्ट