महिलाओं के विवाह की उम्र बढ़ाने पर जदयू नेता ने मोदी सरकार से कर दी बड़ी मांग, कहा- लॉजिक बताना होगा

PATNA :  देश में महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इस पर हंगामा होना भी शुरू हो गया है. इस पर कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जारी की है. इस बीच जदयू के एमएलसी ने बड़ा बयान दिया है. जेडीयू विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 की बजाय 21 की है. इसके पीछे केंद्र सरकार को अपना लॉजिक देना होगा कि आखिर यह फैसला किस लिए लिया गया है.

मोदी कैबिनेट की ओर से महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर मुस्लिम विधायकों ने आपत्ति जताई है. पहले अबु आजमी और अब झारखंड के मंत्री हफीजुल अंसारी ने केंद्र सरकार के फैसले पर एतराज जताया है. वहीं अब जेडीयू नेता भी केंद्र सरकार के इस फैसले पर उनसे लॉजिक जानने के लिए आग्रह कर रहे हैं.


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जेडीयू के एमएलसी ने कहा है कि यदि देश में प्रजनन दर कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है. तो हमें लगता है कि हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले को सबसे पहले ले चुके हैं. उन्होंने कहा कि इस योजना का देश बिहार का अनुसरण कर रहा है. जेडीयू नेता ने कहा केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है. उसे हमें परेशानी नहीं है, लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि इससे फायदा क्या होगा.

इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि शादी की उम्र बढ़ाकर महिलाओं के कम उम्र में मां बनने से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकना चाहती है. इसको लेकर जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि सरकार ने जो लॉजिक दिया है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि महिलाओं के साथ जो आए दिन घटना घट रही है, इस लॉजिक के पीछे क्या रहस्य है.