पटना: किसान आंदोलन का 14 वां दिन..किसान अभी भी दिल्ली आने की मांग को लेकर राज्य की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसान को दिल्ली आने से रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने सीमाओं को सील कर रखा है. हरियाणा और पंजाब की सीमाओं पर दो हफ्ते से सुरक्षाबलों और किसानों के बीच झड़प चल रही है. किसान नेताओं और सरकार के बीच चार दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है.अब किसान भी आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रहे हैं.किसानों को पहले से विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिल रहा था, जिसमें राजद मुखर होकर भाजपा का विरोध करते हुए किसान आंदोलन के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है. वहीं बिहार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मोदी सरकार पर किसानों की उपेक्षा का आरोप लगाया है.
किसानों पर आपाल काल की बंदिशे
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि देश के अन्नदाताओं के साथ केद्र सरकार दुर्व्यवहार कर रही है. किसानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है वह आपातकाल की याद दिला रहा है. किसान अपनी जायज मांग के लिए धरना-प्रदर्शन तक नहीं कर सकते है. उनपर पहरा बिठा दिया गया है. देश को खिलाने वालों पर डंडा चलाया जा रहा है.
बिहार के अन्नदाता कर रहे आंदोलन का समर्थन
राजद विधायक सुधाकर सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को बिहार के किसान समर्थन कर रहे हैं.यहां के कृषक भी आंदोलन में शामिल होने के लिए उतावले है.उन्होंने कहा कि कैमूर, बक्सर के किसान धरना प्रदर्शन कर लगातार आंदोलन का समर्थन कर रहे है.
किसानों के आंदोलन से केंद्र सरकार में खलबली
केंद्र की मोदी सरकार पर करारा हमला करते हुए पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों की सामूहिक प्रतिबद्धता के चलते केंद्र सरकार में खलबली है और दिल्ली पुलिस जैसी केंद्र सरकार की एजेंसियां किसानों के इस शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन के कार्यक्रम को दबाने की कोशिशों में लगी हुई हैं.