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मुख्यमंत्री का विरोध, मतलब बीजेपी का समर्थन! सुधाकर सिंह को उनके ही पिता के हाथों सियासी बलि लेंगे तेजस्वी यादव

मुख्यमंत्री का विरोध, मतलब बीजेपी का समर्थन! सुधाकर सिंह को उनके ही पिता के हाथों सियासी बलि लेंगे तेजस्वी यादव

PATNA/DELHI : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार बयानबाजी राजद विधायक सुधाकर सिंह को अब भारी पड़ सकती है। जिस तरह से बयानबाजी को लेकर जदयू ने अपनी नाराजगी जाहिर की और खुद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उन पर फैसला राजद को लेना है। उसके बाद अब राजद नेतृत्व भी सुधाकर सिंह एक्शन मोड में आ गया है। मामले में तेजस्वी यादव ने कि नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं और उनके खिलाफ बयानबाजी करने का मतलब बीजेपी की नीतियों क समर्थन करना है। सुधाकर सिंह के मामले को पार्टी गंभीरता से लेगी। 

पिता ही करेंगे बेटे का सियासी रास्ता

जिस तरह से तेजस्वी यादव ने सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए हैं। उसके बाद अब चर्चा इस बात की शुरू हो गई है कि क्या तेजस्वी यादव  आरजेडी प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह के हाथों ही उनके बेटे -सुधाकर की सियासी बलि चढ़ाएंगे।

नीतीश कुमार का विरोध मतलब बीजेपी का समर्थन

बयानबाजी को लेकर दिल्ली में तेजस्वी यादव  सुधाकर सिंह को चेतावनी देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी का मतलब, बीजेपी के एजेंडे का समर्थन करना है। पार्टी सुधाकर के मामले को गंभीरता से लेगी। लालू यादव बीमार होने के बावजूद पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। आरजेडी में लालू और तेजस्वी के अलावा किसी को भी नीतीश कुमार या महागठबंधन के खिलाफ बयानबाजी करने का हक नहीं है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी करने वाले किसी भी नेता को बख्शा नहीं जाएगा। 

वहीं सुधाकर सिंह की बयानबाजी को लेकर बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच उनके पिता जगदानंद सिंह चुप हैं। मंत्री पद से बेटे की इस्तीफे के बाद मुश्किल से पार्टी उनकी नाराजगी दूर कर पाई है। ऐसे में तेजस्वी यादव ने जिस तरह के संकेत दिए हैं, संभव है कि जिस तरह बेटे के इस्तीफे की घोषणा उन्होंने की थी, बेटे को पार्टी से निकालने की घोषणा भी उन्हें करना पड़े।  चर्चा है कि जगदानंद के जरिए सुधाकर को एक आखिरी बार समझाया जाएगा, अगर फिर भी वे नहीं मानें तो उन्हें आरजेडी से निष्कासित किया जा सकता है।


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