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विपक्षी एकता की मुहिम ! क्या चंद्रबाबू नायडू की राह चल पड़े हैं नीतीश ?

विपक्षी एकता की मुहिम ! क्या चंद्रबाबू नायडू की राह चल पड़े हैं नीतीश ?

PATNA : कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम से उत्साहित विपक्ष के नेता राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता को लेकर अपने- अपने तरीके से लग गए हैं. पिछले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीरो पर आउट होने वाली पार्टी जदयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस अभियान को लेकर संसद के बजट सत्र के ठीक बाद से ही लगे हुए हैं. जो नीतीश कांग्रेस और जेडीएस को एक नहीं करा सके वो अब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट कराने का सपना दिन में ही देख रहे हैं. विपक्षी एकता को राजनीतिक पर्यवेक्षक दो घोड़ा एक घास वाली स्थिति से जोड़ कर देख रहे हैं.

चाय पीने से नहीं होगा काम

इसी क्रम में नीतीश कुमार के विपक्षी एकता अभियान को लेकर राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर जमकर भड़क गए. प्रशांत किशोर ने कहा कि अपने घर का ठिकाना नहीं है और पूरी दुनिया घूम रहे हैं. प्रशांत किशोर ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि नेताओं के साथ बैठकर चाय पीने या साथ बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से विपक्षी दल एकजुट नहीं होते हैं. अगर ऐसा होता तो आज से से दस साल पहले ही ये काम हो गया होता.

दूसरे नायडू होने जा रहे नीतीश

नीतीश कुमार के 40 दिन में दूसरी बार अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश क्या कर रहे हैं, इस पर ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है. आज से पांच साल पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू थे और उनकी बहुमत की सरकार थी. उन्होंने कहा कि ‘ चंद्रबाबू नायडू ने भी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम हुआ कि फिर जब चुनाव हुए तो प्रदेश में उनके सिर्फ तीन सांसद बचे और 23 विधायक जीत पाये. आखिरकार उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा, जबकि नीतीश कुमार तो पहले ही गठबंधन में सरकार चला रहे हैं ’.

नीतीश बताएं बिहार का फार्मूला

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार का फॉर्मूला सार्वजनिक कर देना चाहिए कि जदयू, राजद और मांझी समेत उनकी सहयोगी पार्टियां कितनी- कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. इसके बाद दूसरे राज्यों में जाना चाहिए ताकि अगला आदमी भी आपको गंभीरता से ले, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे. यहां तो हर आदमी कहता है, 'मैं अपनी ताकत पर लडूंगा और दूसरे से कहता है कि आप सब आपस में मिल जाइए ’. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार की चिंता करनी चाहिए. जिनका खुद का ठिकाना नहीं है, वो देश की दूसरी पार्टियों को इकट्ठा कर रहा है. प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरी कही बातों को लिखकर रख लीजिए, नीतीश कुमार का हाल भी चंद्रबाबू नायडू जैसा ही होगा.

नीरज सहाय की रिपोर्ट

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